Kargil Vijay Diwas: राष्ट्रपति और सशस्त्र सेनाओं के सुप्रीम कमांडर रामनाथ कोविंद की मौजूदगी से लेकर कैप्टन विक्रम बत्रा के शौर्य-गाथा पर आधारित करन जौहर की हिंदी फिल्म शेरशाह के ट्रेलर लॉन्च तक, इस साल द्रास वॉर मेमोरियल पर कारगिल विजय दिवस बेहद खास होने जा रहा है. कारगिल से सटे द्रास में 26 जुलाई को देश कारगिल युद्ध की 22वीं जयंती मनाने जा रहा है.


जानकारी के मुताबिक, सेना ने इस साल कारगिल विजय दिवस के लिए राष्ट्रपति को मुख्य अतिथि के तौर पर निमंत्रण भेजा है. अमूमन सेना प्रमुख या फिर उत्तरी कमान के कमांडर मुख्य अतिथि होते हैं. लेकिन इस बार सेनाओं (थलसेना, वायुसेना और नौसेना) के सुप्रीम कमांडर को निमंत्रण भेजा है. भारतीय सेना के एक सूत्र ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि माननीय राष्ट्रपति की तरफ से निमंत्रण कबूल करने का इंतजार किया जा रहा है. अगर राष्ट्रपति 26 जुलाई को कारगिल में मौजूद रहते हैं तो चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, जनरल बिपिन रावत और थलसेना प्रमुख, जनरल एम एम नरवणे भी वहां मौजूद रहेंगे.


25 जुलाई से जश्न


सेना की उत्तरी कमान के मुताबिक हर साल की तरह इस बार भी कारगिल विजय दिवस का जश्न 25 जुलाई से शुरू हो जाएगा. 25 तारीख की सुबह वरिष्ठ सैन्य कमांडर्स की मौजूदगी में लामचून वियो प्वाइंट से कारगिल युद्ध को ‘रिविजिट’ किया जाएगा. द्रास के करीब इस वियो प्वाइंट से टाइगर हिल से लेकर कारगिल के वे सभी चोटियां साफ दिखाई पड़ती हैं, जहां 22 साल पहले पाकिस्तान से ये युद्ध लड़ा गया था. इस दौरान कारगिल युद्ध में हिस्सा लेने वाले पूर्व-फौजी और वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों के परिवार भी मौजूद रहेंगे.


25 जुलाई को ही करन जौहर के प्रोडक्शन वाली फिल्म ‘शेरशाह’ का ट्रेलर द्रास में रिलीज किया जाएगा. इस दौरान माना जा रहा है कि फिल्म से जुड़े कलाकार भी मौजूद रहेंगे. ये फिल्म कारगिल युद्ध में परमवीर चक्र विजेता कैप्टन विक्रम बत्रा के शौर्य-गाथा पर आधारित है. युद्ध के दौरान कैप्टन विक्रम बत्रा का ‘कोडनेम’ शेरशाह था. पाकिस्तानी सेना उन्हें शेरशाह के नाम से ही जानती थी. युद्ध के दौरान उनका दिल मांगे मोर वाला डायलॉग आज तक सभी देशवासियों की जुबान पर चढ़ा है.


इसके अलावा युवा गायक और संगीतकार अमन चंद्रा भी वीर सैनिकों की याद में ‘ट्वीलाइट विद ब्रेव-हार्ट्स’ के म्यूजिकल प्रोग्राम आयोजित करेंगे. 26 जुलाई को कारगिल दिवस की सुबह मुख्य अतिथि सहित सभी सैन्य कमांडर्स, द्रास स्थित वॉर मेमोरियल पर वीरगति को प्राप्त सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे. इसके अलावा 1971 युद्ध की स्वर्णिम विजय मशाल भी करगिल दिवस के दिन ही द्रास वॉर मेमोरियल पहुंचेगी.


1999 में कारगिल की ऊंची चोटियों पर भारत और पाकिस्तान के बीच जंग हुई थी, जिसमें भारत की विजय हुई थी. उस युद्ध की विजय के उपलक्ष्य में हर साल कारगिल के द्रास स्थित वॉर मेमोरियल पर कारगिल विजय दिवस मनाया जाता है. 1999 में पाकिस्तानी सेना ने भारत की इन चोटियों पर कब्जा कर लिया था. 14 से 18 हजार फीट की उंचाई पर स्थित इन चोटियों से भारतीय सेना ने बेहद ही बहादुरी के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों को मार भगाया था. इस युद्ध में भारत के 500 सैनिक वीरगति को प्राप्त हुए थे. ये युद्ध मिलिट्री हिस्ट्री में एक बेहद ही मुश्किल और जोखिम भरे युद्ध के तौर पर जाना जाता है.


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