राष्ट्रपति कोविंद ने बछेंद्री पाल से लेकर मनोज बाजपेयी तक को किया पद्म पुरस्कार से सम्मानित
राष्ट्रपति भवन में शनिवार को आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने प्रतिष्ठित व्यक्तियों को पद्मा पुरस्कार से सम्मानित किया.
नई दिल्ली: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने लोक गायिका तीजन बाई, लार्सन एंड टूब्रो के अध्यक्ष अनिल कुमार नाइक, वैज्ञानिक एस एन नारायणन, अभिनेता मनोज बाजपेयी और 106 वर्षीय पर्यावरणविद् सालूमरदा थीमक्का सहित 54 प्रसिद्ध नागरिकों को शनिवार को पद्म पुरस्कार प्रदान किये. तीजन बाई और नाइक को दूसरा सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार पद्म विभूषण प्रदान किया गया.
पौराणिक नदी सरस्वती का पता लगाने के लिए प्रयासरत आरएसएस नेता दर्शन लाल जैन, एमडीएच के संस्थापक सीईओ महाशय धर्म पाल गुलाटी, चिकित्सा पेशेवर अशोक लक्ष्मणराव कुकड़े, एन नारायणन, पर्वतारोही बछेंद्री पाल और पूर्व सीएजी वी के शुंगलु पद्म भूषण प्राप्त करने वालों में शामिल थे.
राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उनके कैबिनेट सहयोगियों राजनाथ सिंह, हर्षवर्धन, राज्यवर्धन सिंह राठौर, विजय गोयल के साथ ही वरिष्ठ भाजपा नेता लालकृष्ण आडवाणी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारी मौजूद थे.
President Kovind presents Padma Shri to Shri Manoj Bajpayee for Art (Cinema). A renowned film actor, he is known for his versatile roles and has worked in more than 60 films pic.twitter.com/m0fmuIDwe7
— President of India (@rashtrapatibhvn) March 16, 2019
इस वर्ष के पद्म पुरस्कारों के लिए 112 हस्तियों का चयन किया गया और उनके नामों की घोषणा इस साल गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर की गई थी. पुरस्कार दो कार्यक्रमों में प्रदान किये गए. 47 गणमान्य व्यक्तियों को 11 मार्च को सम्मानित किया गया जबकि 54 को शनिवार को सम्मानित किया गया.
बाजपेयी को समीक्षकों द्वारा प्रशंसित भूमिकाओं के लिए पद्मश्री से सम्मानित किया गया. वहीं लखनऊ घराने के प्रसिद्ध तबला वादक स्वप्न चौधरी, 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के लिए लंबी कानूनी लड़ने वाले अधिवक्ता एच एस फूलका, खून की लाल कोशिकाओं (सिकल सेल) पर शोध में प्रमुख भूमिका निभाने वाले वैज्ञानिक सुदाम लक्ष्मण काते, पुरातत्वविद मुहम्मद के के और कण भौतिक विज्ञानी रोहिणी मधुसूदन गोडबोले को भी पुरस्कार प्रदान किया गया.
आरएसएस के मुखपत्र ‘पांचजन्य’ के पूर्व संपादक देवेंद्र स्वरूप को मरणोपरांत पद्मश्री से सम्मानित किया गया. स्वरूप के निधन के बाद आर्गेनाइजर में प्रकाशित एक लेख के अनुसार वह 13 वर्ष तक प्रचारक रहे और उनके एम एस गोलवलकर से लेकर के एस सुदर्शन तक आरएसएस के चार सरसंघचालकों के साथ करीबी संबंध थे. पुरस्कार उनकी पत्नी ने प्राप्त किया.
ओडिशा के क्योंझर जिले के 70 वर्षीय आदिवासी दैतारी नाइक ने अपने गांव बैतरनी स्थित अपने खेत में पानी लाने के लिए केवल कुदाल की मदद से तीन किलोमीटर लंबी नहर खोद दी और उन्हें ‘सामाजिक कार्य’ श्रेणी में पद्मश्री प्रदान किया गया.
साल्लुमरदा तिमक्का को भी यह प्रतिष्ठित सम्मान प्रदान किया गया जिन्होंने 65 वर्ष की अवधि में हजारों पेड़ लगाने और पेड़ों की देखभाल अपने बच्चों की तरह करने के लिए उन्हें ‘वृक्ष माता’ की उपाधि मिली थी.
पूर्व CM और बीजेपी नेता बीसी खंडूरी के बेटे कांग्रेस में हुए शामिल, राहुल गांधी के साथ मंच पर आए नजर यूपी: 20 फीसदी सांसदों का टिकट काट सकती है बीजेपी, वीके सिंह और महेश शर्मा को दोबारा मौकाभीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने का एलान किया
संयुक्त रैलियां कर बीजेपी के मुमकिन को नामुमकिन बनाने की कोशिश करेगा गठबंधन
यह भी देखें