राम मंदिर पर फैसला सुनाने वाले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई जाएंगे राज्यसभा
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई को राज्यसभा के लिए मनोनीत किया है.
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस (मुख्य न्यायाधीश) रंजन गोगोई राज्यसभा जाएंगे. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज उन्हें मनोनीत किया. सरकारी अधिसूचना में कहा गया है, ''भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (3) के साथ पठित खंड (1) के उपखंड (क) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए राष्ट्रपति, एक नामित सदस्य की सेवानिवृति के कारण हुई रिक्ति को भरने के लिए, राज्यसभा में श्री रंजन गोगोई को नामित करते हैं.'' यह सीट केटीएस तुलसी का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा होने से खाली हुई थी.
3 अक्टूबर 2018 को भारत के 46वें चीफ जस्टिस बने गोगोई का कार्यकाल लगभग 13 महीने का रहा था. उन्होंने पिछले साल 9 नवंबर को राम मंदिर पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया था. 17 नवंबर को गोगोई रिटायर हुए थे.
गोगोई ने साथ ही सबरीमला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश और राफेल लड़ाकू विमान सौदे संबंधी मामलों पर फैसला देने वाली पीठों का भी नेतृत्व किया.
वह असम के मुख्यमंत्री रहे केशब चन्द्र गोगोई के बेटे हैं. उन्होंने 1978 में वकालत शुरु की. 2001 में गुवाहाटी हाईकोर्ट के स्थाई जज बने. 2011 में पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस बने और 23 अप्रैल 2012 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त हुए. उनकी छवि एक बेहद सख्त और ईमानदार जज की रही.
जानिए पूर्व चीफ जस्टिस रंजन गोगोई के बारे में जो अब जाएंगे राज्यसभा