विख्यात परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु के निधन पर राष्ट्रपति और PM मोदी ने जताया शोक
शेखर बसु का का बृहस्पतिवार को कोलकाता के एक निजी अस्पताल में कोविड-19 से निधन हो गया. वह 68 वर्ष के थे. मैकेनिकल इंजीनियर डॉ बसु को देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए जाना जाता है.
नई दिल्ली: विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ शेखर बसु का कोलकाता के एक निजी अस्पताल में गुरुवार को कोरोना के कारण निधन हो गया. बसु के निधन पर पीएम मोदी और राष्ट्रपति कोविंद ने गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिवार को सांत्वना दी.
राष्ट्रपति कोविंद ने कहा कि परमाणु वैज्ञानिक पद्म श्री डॉ शेखर बसु का निधन राष्ट्र के लिए बहुत बड़ी क्षति है। परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष डॉ बसु परमाणु विज्ञान अनुसंधान के प्रमुख वैज्ञानिकों में से एक थे और परमाणु ऊर्जा से संचालित पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत में उन्होंने बड़ा योगदान दिया था। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति संवेदना.
Demise of veteran scientist Padma Shri Dr Sekhar Basu is a huge loss to the nation. A former chairman of Atomic Energy Commission, he was a stalwart of nuclear science research & immensely contributed to nuclear powered submarine INS Arihant. Condolences to his family & friends.
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 24, 2020
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विख्यात परमाणु वैज्ञानिक और परमाणु ऊर्जा आयोग के पूर्व अध्यक्ष शेखर बसु के निधन पर शोक प्रकट करते हुए परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत को अग्रणी देशों में स्थापति करने में उनकी भूमिका की सराहना की.
मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘विख्यात परमाणु वैज्ञानिक शेखर बसु के निधन पर शोक की इस घड़ी में मैं परमाणु ऊर्जा बिरादरी के साथ हूं. उन्होंने परमाणु विज्ञान और इंजीनियरिंग के क्षेत्र में भारत को अग्रणी देशों में स्थापति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और मित्रों के साथ है. ओम शांति.’’
Demise of veteran scientist Padma Shri Dr Sekhar Basu is a huge loss to the nation. A former chairman of Atomic Energy Commission, he was a stalwart of nuclear science research & immensely contributed to nuclear powered submarine INS Arihant. Condolences to his family & friends.
— President of India (@rashtrapatibhvn) September 24, 2020
मैकेनिकल इंजीनियर डॉ बसु को देश के परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम में उनके योगदान के लिए जाना जाता है. उन्हें 2014 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था. भारत की परमाणु ऊर्जा से संचालित पहली पनडुब्बी आईएनएस अरिहंत के लिए बेहद जटिल रियेक्टर के निर्माण में बसु ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
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