मुंबई: महाराष्ट्र में शिवसेना को सरकार बनाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी समर्थन देगी या नहीं इसपर तस्वीर अब भी साफ नहीं है. इस बीच सरकार बनाने में हो रही देरी की एक संभावित वजह सामने आई है. दरअसल, शिवसेना ने जिस शर्त को आधार बनाते हुए अपने 30 साल पुराने साथी बीजेपी का साथ छोड़ा है अब एनसीपी ने उसी शर्त को शिवसेना के सामने रखने का मन बना लिया है.
सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी शिवसेना के सामने ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद का प्रस्ताव रखेगी. शिवसेना ने 24 अक्टूबर को चुनाव नतीजों के दिन बीजेपी से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद की मांग की थी. जिसे बीजेपी ने ठुकरा दिया था और यही वजह रही कि आज किसी भी एक दल के पास बहुमत नहीं होने की वजह से सरकार गठन नहीं हुआ.
आज राष्ट्रपति ने राज्यपाल की सिफारिश के बाद सूबे में राष्ट्रपति शासन की घोषणा कर दी. राष्ट्रपति शासन की घोषणा के बाद कांग्रेस-एनसीपी, शिवसेना और बीजेपी के शीर्ष नेता मीडिया के सामने आए और तीनों दलों ने कहा कि सरकार गठन की कवायद चल रही है.
कांग्रेस-एनसीपी ने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि सरकार गठन को लेकर शिवसेना से बातचीत जारी है. कांग्रेस-एनसीपी की बैठक के बाद कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि तीनों दलों के बीच साझा न्यूनतम कार्यक्रम तय हुए बगैर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सकता.
कांग्रेस-एनसीपी के बाद उद्धव ठाकरे ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस किया. उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने का फार्मूला खोज लेंगे. उद्धव ठाकरे ने कहा, “कांग्रेस और एनसीपी की तरह ही शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से पहली बार सोमवार को संपर्क किया था. इससे बीजेपी का यह आरोप गलत साबित होता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम के बाद से ही कांग्रेस और एनसीपी के संपर्क में थी.”
उद्धव ठाकरे ने कहा- कल मैंने पहली बार कांग्रेस-एनसीपी को संपर्क किया, बातचीत जारी है
इसके बाद बीजेपी नेता नारायण राणे ने बड़ा दावा कर दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश करेगी. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने उन्हें सरकार बनाने की दिशा में प्रयास करने के लिए कहा है. बीजेपी शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के बिना सरकार बनाएगी.
देवेंद्र फडणवीस ने भी राष्ट्रपति शासन को लेकर बयान जारी किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शासन लग गया है. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि सभी दल स्थिति को गंभीरता से लेंगे और हमें उम्मीद है कि राज्य को जल्द ही स्थिर सरकार मिलेगी.
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी बीजेपी ने बहुमत नहीं होने का हवाला देते हुए सोमवार को सरकार बनाने का दावा पेश करने से इंकार कर दिया. उसके बाद राज्यपाल ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को दावा पेश करने का न्योता दिया. शिवसेना ने हालांकि राज्यपाल से मिलकर दावा किया कि उसे कांग्रेस और एनसीपी का सैद्धांतिक समर्थन मिल चुका है लेकिन वह दोनों दलों का समर्थन पत्र पेश करने में नाकाम रही.
शिवसेना ने राज्यपाल से ऐसा करने के लिए तीन दिन का वक्त मांगा लेकिन उसका अनुरोध स्वीकार नहीं किया गया. इसके खिलाफ शिवसेना ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है.
राज्यपाल कोश्यारी ने तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी (राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी) को सरकार बनाने का दावा पेश करने का भी न्योता दिया. उन्होंने एनसीपी को मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक का समय दिया था. इस बीच राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी. पिछले महीने हुए विधानसभा चुनाव में कुल 288 सदस्यीय सदन में से बीजेपी के हिस्से में 105 सीटें आयी थीं जबकि शिवसेना को 56, राकांपा को 54 और कांग्रेस को 48 सीटें मिलीं.
फिर से सरकार बनाने की रेस में आई BJP, नारायण राणे ने कहा- पार्टी जल्द बनाएगी सरकार