मुंबई: महाराष्ट्र में चुनाव नतीजों के 19 दिनों के बाद भी अगली सरकार को लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है. मंगलवार को भी दिल्ली से लेकर मुंबई तक राजनीतिक हलचल जारी रही लेकिन सरकार गठन को लेकर राजनीतिक पार्टियां किसी अंतिम निर्णय पर नहीं पहुंची. असमंजस की स्थिति को देखते हुए राज्यपाल और मोदी कैबिनेट ने सूबे में राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की. जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने स्वीकार कर लिया. बीजेपी ने इसके लिए कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना को जिम्मेदार ठहराया तो वहीं तीनों दलों ने बीजेपी को खरी-खोटी सुनाई. पढ़ें दिनभर की 10 बड़ी बातें-


1. राष्ट्रपति शासन: बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी तीनों पार्टी राज्यपाल के सामने बहुमत दिखाने में विफल रहे. जिसकी वजह से राष्ट्रपति ने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दी. इससे पहले राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन के लिए अपनी सिफारिश राष्ट्रपति को भेजी थी. उन्होंने अपनी सिफारिश में कहा कि कि उनके तमाम प्रयासों के बावजूद राज्य में सरकार नहीं बन पा रही है इसलिए प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाए. आज दिन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में राज्यपाल कोश्यारी की सिफारिश पर विचार करने के बाद उसे संस्तुति के लिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भेजा गया.


2. कांग्रेस-एनसीपी की बैठक: राष्ट्रपति शासन की घोषणा के ठीक बाद कांग्रेस और एनसीपी के शीर्ष नेताओं की मुंबई में बैठक हुई. इस बैठक में आगे की रणनीति पर चर्चा की गई. कांग्रेस-एनसीपी की बैठक के बाद सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार अहमद पटेल ने कहा कि तीनों दलों (कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना) के बीच साझा न्यूनतम कार्यक्रम तय हुए बगैर कोई अंतिम फैसला नहीं लिया जा सकता. सूत्रों के मुताबिक, अंतिम फैसले में देर की एक वजह मुख्यमंत्री पद की कुर्सी है. सूत्रों के मुताबिक, एनसीपी शिवसेना के सामने ढाई-ढाई साल के लिए सीएम पद का प्रस्ताव रखेगी.


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3. उद्धव ठाकरे का बयान: कांग्रेस-एनसीपी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के ठीक बाद शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे मीडिया से मुखातिब हुए. उन्होंने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने का फार्मूला खोज लेंगे. उन्होंने कहा, “कांग्रेस और एनसीपी की तरह ही शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है. शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से पहली बार सोमवार को संपर्क किया था. इससे बीजेपी का यह आरोप गलत साबित होता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम के बाद से ही कांग्रेस और एनसीपी के संपर्क में थी.”


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4. क्या बीजेपी बनाएगी सरकार?: तीनों दलों की प्रतिक्रिया के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता नारायण राणे मीडिया के सामने आए और उन्होंने बयान देकर चौंका दिया. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने कहा कि बीजेपी सरकार बनाने की कोशिश करेगी. देवेंद्र फडणवीस इस दिशा में पूरा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक नई बीजेपी सरकार बनने के लिए जो भी जरूरी होगा करूंगा लेकिन मैं (तौर तरीके) चर्चा नहीं करूंगा.’’ उन्होंने कहा कि शिवसेना सरकार गठन में अभी तक ‘असफल’ रही है और इसके बावजूद दावा किया. मैं नहीं मानता कि शिवसेना कांग्रेस-एनसीपी गठबंधन के साथ जाएगी. ध्यान रहे कि राज्यपाल के आमंत्रण पर बीजेपी ने रविवार को सरकार बनाने से इनकार करते हुए कहा कि उसके पास जरूरी संख्याबल नहीं है.


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5. फडणवीस को है उम्मीद: बीजेपी विधायक दल के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी उम्मीद जतायी कि राज्य में जल्द ही एक स्थिर सरकार बनेगी. उन्होंने राज्य में राष्ट्रपति शासन लगने को ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया. उन्होंने एक बयान में कहा, ‘‘एक स्पष्ट जनादेश के बावजूद सरकार नहीं बन पायी और राष्ट्रपति शासन लगाना पड़ा. यह अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. मैं उम्मीद करता हूं कि राज्य को जल्द ही स्थिर सरकार मिलेगी.’’


6. किसी ने नहीं किया दावा: रविवार को बीजेपी के सरकार गठन के दावे से इनकार किए जाने के बाद शिवसेना सोमवार को एनसीपी और कांग्रेस से समर्थन पत्र जुटाने में विफल रही. इसके बाद राज्यपाल ने सोमवार को ही शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी से मंगलवार रात साढ़े आठ बजे तक सरकार गठन का दावा करने को कहा. लेकिन एनसीपी ने राजभवन को दिन में ही बता दिया कि उसके पास बहुमत नहीं है. जिसके बाद राज्यपाल ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की.


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7. अभी भी है मौका: राष्ट्रपति शासन के बाद विधानसभा निलंबित अवस्था में है. जानकारों के मुताबिक, महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन भले ही लागू हो गया हो लेकिन राष्ट्रपति शासन के जरिए विधानसभा को सिर्फ सस्पेंड/निलंबित रखा गया है. इसका मतलब यह हुआ कि जब भी कोई पार्टी बहुमत का दावा कर राज्यपाल को पूरी लिस्ट सौंपेगी तो उसके बाद उसको मौका दिया जा सकता है. इसी के मद्देनजर शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के साथ-साथ बीजेपी भी सरकार बनाने के प्रयास में जुट गई है.


8. सुप्रीम कोर्ट गई शिवसेना: शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिये जरूरी समर्थन पत्र सौंपने के वास्ते तीन दिन का वक्त नहीं देने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ आज सुप्रीम कोर्ट का रुख किया लेकिन मामले में तत्काल सुनवाई करवा सकने का उसका प्रयास विफल रहा. शीर्ष अदालत बुधवार सुबह याचिका पर तत्काल सुनवाई कर सकती है.


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9. राष्ट्रपति शासन की आलोचना: महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका को लेकर कानून के जानकारों की राय बंटी है. जहां पूर्व सॉलीसीटर जनरल मोहन परासरन का कहना है कि राष्ट्रपति शासन की सिफारिश करने में लगता है राज्यपाल ने जल्दबाजी दिखाई, वहीं कुछ अन्य विधि विशेषज्ञों ने कहा कि राज्यपाल ने ऐसा करके ‘कोई असंवैधानिक कृत्य’ नहीं किया है. कांग्रेस, एमएनएस और एलजेपी ने भी राज्यपाल के कदम को गलत ठहराया.


10. सीटों का गणित: राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 105, शिवसेना के 56, एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं. शिवसेना शरद पवार की पार्टी एनसीपी और कांग्रेस के साथ गठबंधन कर सरकार बनाना चाहती है लेकिन कांग्रेस विचारधारा की वजह से असमंजस में है. पार्टी पहले सभी विवादित मुद्दों पर सुलझ चाहती है.


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