CBI Cop President Medal: इस साल जिन पुलिस अधिकारियों को राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया जा रहा है उनमें सीबीआई के उपाधीक्षक नेतराम मीणा का भी नाम है. मीणा वरिष्ठ पत्रकार जे.डे की हत्या के मामले के जांच अधिकारी थे. जून 2011 में जे.डे की मुंबई के पवई इलाके में हत्या कर दी गयी थी. डे अंग्रेजी अखबार मिड-डे के अपराध संपादक थे.


जे.डे.हत्याकांड की शुरुआती जांच मुंबई पुलिस ने की लेकिन बाद में जांच को सीबीआई के सुपुर्द कर दिया गया. बतौर जांच अधिकारी उपाधीक्षक मीणा ने मामले की जांच नए सिरे से शुरू की और पाया कि डे की हत्या छोटा राजन ने एक किताब की वजह से करवायी जो कि डे उसपर लिखने जा रहे थे. “चिंदी- रैग्स टू रिचेस” नाम की किताब में डे ये कहानी लिखने जा रहे थे कि कैसे राजन मुंबई के चेंबूर इलाके में सक्रीय छुटभैये अपराधी से इतना बडा अंडरवर्ल्ड डॉन बन गया.


साल 2018 में सीबीआई अदालत ने राजन को डे की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई


राजन को लगा कि डे की किताब से उसकी छवि को नुकसान पहुंच सकता है. इस मामले में मीणा ने पहले से गिरफ्तार आरोपियों के अलावा एक और आरोपी को गिरफ्तार किया. 2015 में राजन के इंडोनेशिया से भारत डीपोर्ट किये जाने के बाद उसपर मुकदमा चला. साल 2018 में सीबीआई की विशेष अदालत ने राजन को डे की हत्या के आरोप में उम्रकैद की सजा सुनाई.


भंवरी देवी बालात्कार केस में भी नेतराम मीणा ने की थी जांच


मीणा को सीबीआई में मोबाईल फोन के सीडीआई के विश्लेषण का विशेषज्ञ माना जाता है. उनकी इस खूबी का इस्तेमाल सीबीआई ने दारा सिंह एनकाउंटर केस और भंवरी देवी ब्लात्कार और हत्या केस में भी किया गया. मीणा की ओर से जांच किये गये अपहरण और हत्या के एक मामले में पंजाब की एक अदालत ने आरोपिय़ों को फांसीं की सजा सुनाई. उस सजा को पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने बरकरार रखा. फिलहाल उनकी पोस्टिंग गांधीनगर के सीबीआई-एंटी करप्शन विंग में की गयी है.


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