राष्ट्रपति चुनाव: मीरा कुमार बनीं विपक्ष की उम्मीदवार, मायावती समेत 17 दलों का समर्थन मिला
नई दिल्ली: 17 दलों की बैठक के बाद विपक्ष ने पूर्व लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार को राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया है. इसके साथ ही साफ हो गया राष्ट्रपति चुनाव में मुकाबला दलित बनाम दलित ही होगा. एनडीए ने बिहार के पूर्व गर्वनर रामनाथ कोविंद को अपना उम्मीदवार बनाया है.
विपक्ष की बैठक में शरद पवार ने मीरा कुमार के नाम का प्रस्ताव रखा जिसका सभी दलों ने मेज थपथपाकर स्वागत किया. आपको बता दें कि कल मीरा कुमार ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी, इसी के बाद से कयास लगाए जा रहे थे कि मीरा कुमार ही विपक्ष की उम्मीदवार होगीं.
कौन हैं मीरा कुमार ? 72 साल की मीरा कुमार बिहार के सासाराम की रहने वालीं हैं. मीरा कुमार बड़े दलित नेता और देश के भूतपूर्व रक्षा मंत्री जगजीवन राम की बेटी हैं. राजनीति में कदम रखने से पहले वो विदेश सेवा की अधिकारी भी रह चुकी हैं. साल 1970 में उनका चयन भारतीय विदेश सेवा के लिए हुआ. इसके बाद उन्होंने कई देशों में अपनी सेवाएं दी.
मीरा कुमार 2009 से 2014 के बीच वह लोकसभा की स्पीकर रहीं है. वह लोकसभा की पहली महिला स्पीकर के रूप में 3 जून 2009 को निर्विरोध चुनी गयी. मीरा कुमार पेशे से वकील भी रही हैं. मनमोहन सिंह की सरकार में यूपीए 1 के दौरान में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री रह चुकी हैं.
8वीं लोकसभा में उत्तर प्रदेश के बिजनौर से पहली बार जीत हासिल करने वाली मीरा कुमार लगातार पांच बार सांसद रहीं हैं. मीरा कुमार ने अपने पहले ही चुनाव में दिग्गज दलित नेता रामविलास पासवान और बीएसपी प्रमुख मायावती को हराया था. साल 2014 के चुनाव में उन्हें मोदी लहर का सामना करना पड़ा. वे बिहार की सासाराम सीट से भाजपा के छेदी पासवान के सामने हार का सामना करना पड़ा. वे तीन बार दिल्ली की करोलबाग सीट से भी सांसद रहीं.
कौन-कौन है मीरा कुमार के समर्थन और क्या है वोट का गणित? मीरा कुमार को कांग्रेस, आरजेडी, एसपी, बीएसपी, डीएमके, नेशनल कॉन्फ्रेंस, आरएलडी, जेडीएस जेएमएम, टीएमसी, सीपीएम, सीपीआई, आरएसपी, एनसीपी, केरल कांग्रेस का समर्थन हालिस है, मीरा कुमार के समर्थन में 3 लाख 77 हजार 578 वोट हैं, उन्हें जीतने के लिए करीब पांच लाख 49 हजार वोट और चाहिए. मीरा कुमार के समर्थन में अभी करीब 34.4 फीसदी वोट हैं. इस आंकड़े को देखे हुए उनकी जीत नामुमकिन ही लग रही है.
मायावती ने भी मीरा कुमार किया समर्थन का एलान विपक्ष की ओर से मीरा कुमार का नाम आने के बाद मायावती ने भी अपना रुख बदला है. मायावती की पार्टी बीएसपी ने भी मीरा कुमार के समर्थन का एलान कर दिया है. दरअसल एनडीए की ओर से रामनाथ कोविंद को उतारने के बाद मायावती ने कहा कि उन्हें अगर विपक्ष कोई मजबूत दलित प्रत्याशी नहीं उतारता है तो उन्हें रामनाथ कोविंदा को ही समर्थन देना पड़ेगा.
विपक्ष ने बढ़ाई नीतीश की दुविधा मीरा कुमार के नाम का एलान होने के बाद बड़ा सवाल बना है कि किया विपक्ष नीतीश कुमार को मनाएगा. तो इसका जवाब हा नहीं. दरअसल विपक्ष ने मीरा कुमार को कोविंद के मुकाबले उतारकर नीतीश को घेरने का काम किया है. मीरा कुमार महिला हैं, दलित हैं और बिहार के सासाराम से आतीं हैं. वे बिहार के बड़े नेता रहे बाबू जगजीवन राम की बेटी हैं. इन्हीं बातों को आधार विपक्ष ने अब नीतीश कुमार के लिए दुविधा की स्थिति खड़ी कर दी है. विपक्ष की बैठक के बाद सोनिया गांधी से नीतीश कुमार और बिहार में महागठबंधन को लेकर भी सवाल हुए लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.
फैसले पर पुनर्विचार करे जेडीयू: लालू यादव मीरा कुमार के नाम का एलान होने के बाद बिहार में नीतीश कुमार के गठबंधन के साथी लालू प्रसाद यादव की ओर से बड़ा बयान आया है. लालू ने कहा है कि जेडीयू को अपने फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए. पुनर्विचार ना करना जेडीयू की बड़ी बूल होगी. लालू यादव ने यह भी कहा कि इस फैसले से गठबंधन पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा. बीएसपी महासचिव सतीश चंद्र मिश्र ने भी नीतीश कुमार से फैससे पर एक फिर विचार करने की अपील की है.
कौन-कौन से नाम थे रेस में ? मीरा कुमार से पहले जो नाम विपक्ष की ओर से रेस में थे उनमें कांग्रेस नेता मीरा कुमार, सुशील कुमार शिंदे, बालाचंद्रे मुंगेकर, प्रकाश आंबेडकर और गोपाल कृष्ण गांधी शामिल थे. आपको बता दें कि गोपाल कृष्ण गांधी महात्मा गांधी के पड़पोते हैं, जबकि प्रकाश आंबेडकर बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर के पोते हैं.
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