Presidential Election 2022: बीजेपी (BJP) में राष्ट्रपति पद (Presidential Candidate) के उम्मीदवार को लेकर चर्चा तेज हो गई है. बीती शाम बीजेपी ने राष्ट्रपति चुनाव को लेकर प्रबंधन समिति की बैठक की और भावी रणनीति पर चर्चा की. लेकिन सभी के सामने अभी भी एक सवाल बना हुआ है कि बीजेपी और एनडीए (NDA) का चेहरा कौन होगा? बीजेपी किस पर दांव लगाएगी?
गौरतलब है कि अगले महीने की 24 जुलाई को भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल पूरा हो रहा है. जबकि चुनाव के लिए नामांकन को महज 9 दिन बचे हैं. यानी आने वाली 29 जून को शाम 5 बजे तक नामांकन किया जा सकेगा. ऐसे में बीजेपी खेमे से राष्ट्रपति उम्मीदवार को लेकर हलचल तेज हो गई है. सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने तैयारियां पूरी कर ली है.
मसलन एनडीए और यूपीए के सभी दलों से बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने विचार विमर्श तो किया लेकिन अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं. सूत्रों की मानें तो अगले एक दो दिनों में बीजेपी आलाकमान पीएम नरेंद्र मोदी के साथ उम्मीदवार को लेकर बैठक करने वाली है. जिसने एनडीए की ओर से उम्मीदवार के नाम पर फाइनल मुहर लगेगी.
ये हो सकते हैं उम्मीदवार
बीजेपी की ओर से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार कौन होगा फिलहाल बीजेपी ने इस बात का खुलासा तो नहीं किया, लेकिन बीजेपी अंतिम समय तक विचार विमर्श करती रहती है. फिलहाल कई ऐसे नाम है जिनके नाम को लेकर चर्चाएं तेज है. अब देखना ये होगा की किसके नाम पर बीजेपी मुहर लगाती है. संभावना इस बात की भी है की बीजेपी इस बार किसी महिला चेहरे पर दांव लगा सकती है.
1. आनंदी बेन पटेल (80 वर्ष)- आनंदीबेन पटेल इस समय उत्तर प्रदेश की राज्यपाल हैं और पूर्व में गुजरात की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं. आनंदीबेन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते उनके कैबिनेट में मंत्री भी रह चुकी हैं और पीएम मोदी की सबसे विश्वस्त मानी जाती हैं. माना जा रहा हैं की गुजरात चुनाव को ध्यान में रखते हुए और देश में ओबीसी वर्ग में एक बड़ा मैसेज देने के लिए बीजेपी आनंदीबेन पर दांव लगा सकती है.
कमजोरी- आनंदी बेन पटेल की जो सबसे बड़ी मजबूती है, वही उनकी कमजोरी भी है. मसलन गुजरात से होने के चलते बीजेपी इस बात से बचने का प्रयास करेगी कि राष्ट्रपति भी गुजरात से हो. दूसरा उनकी उम्र भी 80 साल हो चुकी है, जो उनके लिए सबसे बड़ी समस्या है.
2. डॉ तमिलसाई सौंदर्यराजन (61 वर्ष) - बीजेपी की पूर्व राष्ट्रीय सचिव डॉ तमिलसाई इस समय तेलंगाना की राज्यपाल हैं और पांडिचेरी की एलजी का अतिरिक्त काम देख रही हैं. पेशे से प्रोफेशनल डॉक्टर डॉ तमिलसाई मूलतः तमिलनाडु के चेन्नई की रहने वाली हैं.कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुकी है.बीजेपी की विश्वस्त हैं. साउथ में बीजेपी विस्तार की योजना के तहत सन्देश देने के लिए बीजेपी तमिलसाई पर दाव लगा सकती है.
कमजोरी - तमिलसाई अभी भी जननेता के रूप में विख्यात नहीं है. साथ ही बीजेपी के सहयोगी दल भी तमिल साईं के नाम पर शायद तैयार ना हो..
3. थावरचंद गहलोत (74 वर्ष)- बीजेपी के विश्वस्त दलित नेता हैं. दलितों में संदेश देने और मध्य प्रदेश में आगामी चुनाव में राज्य के वोटरों को संदेश देने के लिए थावरचंद गहलोत की लॉटरी लग सकती है.
कमजोरी - मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद भी दलित हैं... ऐसे में बीजेपी नया रास्ता अख्तियार कर सकती है. इसके अलावा गहलोत की उम्र भी उनके लिए बाधा बन सकती है.
4. आचार्य देवव्रत (63 वर्ष)- पीएम मोदी के विश्वस्त, संघ के प्रिय और बहुत ही साफ सुथरी छवि. लम्बे समय तक संघ के लिए प्रचारक भी रह चुके है. जबकि गुरुकुल के जरिये शिक्षा की नई इबारत लिख चुके हैं. मौजूदा समय में गुजरात के राज्यपाल है. उनके जरिये बीजेपी कास्ट पॉलिटिक्स से भी बच सकती है. उनकी साफ सुथरी को कैश कर सकती है.
5. द्रौपदी मुर्मू (64 वर्ष)- देश की 47 एसटी आरक्षित लोकसभा की सीट और देश के आदिवासियों के बीच सन्देश देने के लिए ओड़िशा की द्रौपदी मुर्मू पर दांव लगा सकती है. भविष्य में ओड़िशा विस्तार के तहत भी बीजेपी मुर्मू के नाम पर विचार कर सकती है.
6. वेंकैया नायडू - देश के उपराष्ट्रपति और बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष वेंकैया नायडू के नाम पर भी बीजेपी प्लान साउथ के तहत दांव लगा सकती है.
7. निर्मला सीतारमण- देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण चेन्नई से ताल्लुक रखती हैं. साउथ प्लान के तहत भारतीय जनता पार्टी निर्मला सीतारमण के नाम पर भी विचार कर सकती है. प्रधानमंत्री की बेहद विश्वस्त निर्मला की राजनीतिक यात्रा पर गौर करें तो कुछ भी हो सकता है.
8. इसके अलावा बीजेपी केरल (Kerala) के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद (Arif Mohammed) देश के अल्पसंख्यक मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी (Mukhtar Abbas Naqvi) के नाम पर भी विचार कर रही है. ऐसा करके बीजेपी (BJP) दुनियाभर के मुसलमानों को संदेश दे सकती है.