Cross Voting Presidential Election 2022: देश को द्रौपदी मुर्मू के रूप में 15वां राष्ट्रपति मिल चुका है, वो 25 जुलाई को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगी. राष्ट्रपति चुनाव परिणाम के बाद क्रॉस वोटिंग का जिक्र बार-बार किया जा रहा है. विपक्ष बार-बार चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग का आरोप लगा रहा है. ऐसे में ये जानना बेहद जरूरी है कि आखिर किन राज्यों में क्रॉस वोटिंग को लेकर विपक्षी दलों और एनडीए की दलीलें क्या हैं और अब इसको लेकर वो क्या करने जा रहे हैं.


भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सूत्रों ने दावा किया कि 125 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. मतगणना में भी सामने आया है कि मुर्मू को 17 सांसदों की क्रॉस वोटिंग का लाभ मिला. असम, झारखंड और मध्यप्रदेश के विपक्षी दलों के विधायकों की अच्छी खासी संख्या ने BJP की अगुवाई वाली राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया. माना जा रहा है कि असम के 22 और मध्य प्रदेश के 20 विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. बिहार और छत्तीसगढ़ के छह-छह, गोवा के चार और गुजरात के 10 विधायकों ने भी क्रॉस वोटिंग की होगी.


किसको कितने मिले वोट


राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू ने बृहस्पतिवार को कुल 6,76,803 मतों के साथ जीत दर्ज की. उनके प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को कुल 3,80,177 वोट मिले. मुर्मू को 540 सांसदों सहित कुल 2824 मतदाताओं के वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी सिन्हा को 208 सांसदों सहित 1,877 मतदाताओं के वोट मिले. सूत्रों ने कहा कि विपक्षी दलों के 17 सांसदों ने उनके समर्थन में ‘क्रॉस वोटिंग’ की है. आंध्र प्रदेश के सभी विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया, जबकि अरुणाचल प्रदेश में उन्हें चार को छोड़कर सभी विधायकों के मत मिले.


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गुजरात में मच रहा हल्ला


कांग्रेस की गुजरात इकाई ने 18 जुलाई को हुए राष्ट्रपति चुनाव में कम से कम सात विधायकों द्वारा संदिग्ध क्रॉस वोटिंग की जांच शुरू की है. पार्टी के एक नेता ने शुक्रवार को यह जानकारी दी. मुर्मू को गुजरात में 121 वोट मिले, जबकि विधानसभा में BJP के विधायकों की संख्या 111 है. कांग्रेस नेता के मुताबिक मुर्मू को मिले 10 अतिरिक्त वोटों में से एक राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के विधायक का है, जबकि दो वोट भारतीय जनजातीय पार्टी के हो सकते हैं. इससे पता चलता है कि कांग्रेस के कम से कम सात विधायकों ने मुर्मू के पक्ष में मतदान किया. संयुक्त विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को गुजरात में 57 वोट मिले. कांग्रेस की गुजरात इकाई के प्रवक्ता मनीष दोशी ने कहा, 'मतगणना के दौरान जो ब्योरा सामने आया, उससे पार्टी हैरान है. हमारे नेतृत्व ने सच्चाई का पता लगाने के लिए पहले ही जांच शुरू कर दी है.'


गोवा के विधायकों की क्रॉस वोटिंग का दावा


वहीं गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने दावा किया है कि राज्य में विपक्षी दलों के तीन विधायकों ने राष्ट्रपति पद के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में ‘क्रॉस वोटिंग’ की है. प्रमोद सावंत ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) और उसके सहयोगियों को 25 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन मुर्मू को गोवा से 28 वोट मिले. उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए यह स्पष्ट है कि विपक्ष से तीन वोट आए हैं. मुझे नहीं पता कि किन विधायकों ने मुर्मू का समर्थन किया, लेकिन मैं समर्थन के लिए उनका आभारी हूं.’’ वहीं कांग्रेस ने दावा किया कि उसके विधायक इसमें शामिल नहीं थे. कांग्रेस विधायक कार्लोस अल्वारेस फरेरा ने कहा कि ऐसा मान लेना उचित नहीं है कि ‘क्रॉस वोटिंग’ उनकी पार्टी की ओर से हुई. उन्होंने कहा, ‘‘क्रॉस वोटिंग किसी अन्य विपक्षी दल से भी हो सकती है. कांग्रेस एक एकजुट ताकत है.’’


झारखंड में कांग्रेस आलाकमान बेहद नाराज


सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड में कांग्रेस के कई विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की. राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी के यशवंत सिन्हा को वोट करने के निर्देश के बावजूद करीब 9 से 10 विधायकों ने द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट किया था. सूत्रों ने कहा कि इससे पार्टी आलाकमान बहुत नाराज़ है. क्रॉस वोटिंग के बाद पार्टी को इस बात का डर है कि कहीं ये विधायक सरकार की अगुवाई कर रही पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) या बीजेपी के संपर्क में आकर पाला न बदल लें. 


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