Presidential Election 2022: द्रौपदी मुर्मू या यशवंत सिन्हा, किसे समर्थन देगी टीआरएस? पार्टी ने अपना रुख किया साफ
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे रामा राव ने ट्वीट किया था कि टीआरएस के अध्यक्ष श्री केसीआर गारू ने भारत के राष्ट्रपति पद के चुनाव में यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला किया है.
Presidential Election 2022: तेलंगाना (Telangana) में सत्तारूढ़ टीआरएस (TRS) ने सोमवार को कहा कि वह राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) में विपक्षी दलों के संयुक्त उम्मीदवार यशवंत सिन्हा का समर्थन करेगी. जब सिन्हा इस शीर्ष पद के लिए नामांकन पत्र दाखिल कर रहे थे तब तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) के कार्यकारी अध्यक्ष और राज्य के सूचना प्रौद्योगिकी और उद्योग मंत्री के टी रामाराव (K T Rama Rao) अपनी पार्टी के सांसदों के साथ वहां मौजूद थे.
मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव के बेटे रामा राव ने इससे पहले ट्वीट किया था कि टीआरएस के अध्यक्ष श्री केसीआर गारू ने भारत के राष्ट्रपति पद के चुनाव में यशवंत सिन्हा की उम्मीदवारी का समर्थन करने का फैसला किया है. उन्होंने लिखा कि मैं आज नामांकन में अपनी पार्टी के सांसदों के साथ टीआरएस का प्रतिनिधित्व करूंगा.
बीजेपी की कट्टर विरोधी है टीआरएस
पार्टी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि टीआरएस सिन्हा का इसलिए समर्थन कर रही है क्योंकि वह विपक्षी दलों के संयुक्त प्रत्याशी हैं और टीआरएस बीजेपी की कट्टर विरोधी है. यूं तो टीआरएस ने पहले राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति पद के चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का समर्थन किया था लेकिन वह हाल के महीनों में बीजेपी की कथित घृणा राजनीति और शासन में विफलता को लेकर उसकी तीखी आलोचना करती आई है.
हालांकि टीआरएस राष्ट्रपति चुनाव का उम्मीदवार तय करने के लिए विपक्षी दलों द्वारा बुलाई गई संयुक्त बैठक से यह कहते हुए दूर रही थी कि वह कांग्रेस के साथ मंच साझा नहीं कर सकती है. टीआरएस के सूत्रों ने कहा था कि पार्टी बीजेपी और कांग्रेस से समान दूरी बनाकर चल रही है. लोकसभा और राज्यसभा में टीआरएस के क्रमश: नौ और सात सदस्य हैं, जबकि तेलंगाना विधानसभा में उनके विधायकों की संख्या 101 है.
आदिवासी राष्ट्रपति के चयन पर क्या बोले टीआरएस नेता?
राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के बारे में पूछे जाने पर राव ने कहा कि एक नेता के रूप में हम उनका सम्मान करते हैं, लेकिन दो जनवरी 2006 को जब वह कैबिनेट में मंत्री थीं, तो ओडिशा के कलिंगनगर में जनजातीय समुदाय के 13 लोग मारे गए थे, लेकिन उन्होंने उस समय कुछ नहीं बोला. उन्होंने कहा कि तेलंगाना में जनजातीय संबंधी कई मुद्दे लंबे समय से लंबित हैं और उम्मीद है कि हमें उनका समर्थन मिलेगा.
तेलंगाना में अगले साल हैं चुनाव
टीआरएस नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने जनजातियों के लिए मौजूदा आरक्षण को बढ़ाने के लिए एक कानून पारित किया है और उम्मीद जताई कि मुर्मू राज्य के प्रस्ताव को आगे बढ़ाएंगी. तेलंगाना में विधानसभा चुनाव अगले साल के अंत में होने हैं और कांग्रेस-बीजेपी दोनों राज्य में सत्तारूढ़ टीआरएस को सत्ता से बाहर करने की मांग कर रहे हैं.
वर्तमान विधानसभा का कार्यकाल 16 जनवरी, 2024 तक है, लेकिन विधानसभा चुनाव (Assembly Election) इससे पहले वर्ष 2023 के अंत में हो सकते हैं. टीआरएस (TRS) के नौ लोकसभा (Loksabha) और सात राज्यसभा (Rajya Sabha) सदस्य हैं, इसके अलावा तेलंगाना विधानसभा (Telangana Assembly) में इसके 101 विधायक हैं.
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