Presidential Election 2022: एनसीपी चीफ शरद पवार ने ठुकराई राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी, ट्वीट कर कही ये बड़ी बात
Presidential Election 2022: शरद पवार ने कहा कि बैठक में राष्ट्रपति के उम्मीदवार के लिए मेरा नाम सुझाने के लिए विपक्ष का शुक्रिया लेकिन मैं अपनी उम्मीदवारी के प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक ठुकरा रहा हूं.
NCP Chief Sharad Pawar: राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी के लिए पक्ष-विपक्ष में मंथन जारी है. इसी सिलसिले में बुधवार को पश्चिम बंगाल की सीएम और टीएमसी (TMC) प्रमुख ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने दिल्ली में विपक्षी दलों की एक बैठक बुलाई. इस बैठक में विपक्षी दलों ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार (NCP Chief Sharad Pawar) को राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election 2022) में विपक्ष का उम्मीदवार बनने के लिए प्रस्ताव दिया, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया.
इसके बाद एनसीपी प्रमुख ने ट्वीट कर कहा, ''दिल्ली में हुई बैठक में भारत के राष्ट्रपति के लिए उम्मीदवार के तौर पर मेरा नाम सुझाने के लिए मैं विपक्षी दलों के नेताओं का शुक्रिया अदा करता हूं. हालांकि, मैं यह बताना चाहता हूं कि मैंने अपनी उम्मीदवारी के प्रस्ताव को विनम्रतापूर्वक ठुकरा दिया है.'' पवार ने अपने अगले ट्वीट में कहा कि मैं आगे भी आम आदमी की भलाई के लिए अपनी सेवा जारी रखकर खुश हूं.
I sincerely appreciate the leaders of opposition parties for suggesting my name as a candidate for the election of the President of India, at the meeting held in Delhi. However I like to state that I have humbly declined the proposal of my candidature. pic.twitter.com/j9lTFFJMUX
— Sharad Pawar (@PawarSpeaks) June 15, 2022
विपक्षी दलों ने किया था अनुरोध
राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के खिलाफ संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर आम सहमति बनाने के लिए बुलाई गई विपक्षी दलों की बैठक में करीब 17 राजनीतिक दलों के नेता शरीक हुए.
कितने विपक्षी दल हुए थे शामिल?
इन नेताओं में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, एनसीपी, द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (द्रमुक), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वाम दलों के नेता इस बैठक में शरीक हुए जबकि आम आदमी पार्टी (आप), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), शिरोमणि अकाली दल (शिअद) और बीजू जनता दल (बीजद) ने इससे दूरी बनाए रखना मुनासिब समझा.
शिवसेना, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), भाकपा-एमएल, नेशनल कांफ्रेंस(नेकां), पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडपी) जद(से), आरएसपी, आईयूएएमएल, राष्ट्रीय लोकदल और झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता भी बैठक में शरीक हुए.
राजद सांसद ने किया पुर्नविचार का आग्रह
राजद के मनोज झा ने हालांकि कहा कि सभी नेता पवार से फिर से आग्रह करेंगे कि वे अपने फैसले पर पुनर्विचार करें क्योंकि वह उपयुक्त उम्मीदवार हैं. भाकपा के विनय विस्वम ने कहा कि बैठक में यह आम राय थी कि विपक्ष की ओर से एक ही उम्मीदवार होना चाहिए जो सभी को स्वीकार्य हो. रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के एन. के. प्रेमचंद्रन ने कहा कि बनर्जी ने बाद में विपक्ष के संभावित उम्मीदवार के रूप में वरिष्ठ नेता फारूक अब्दुल्ला और पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपाल कृष्ण गांधी के नाम भी सुझाए.
ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) ने पिछले हफ्ते सात मुख्यमंत्रियों सहित 19 दलों के नेताओं को राष्ट्रीय राजधानी (National Capital) में एक बैठक में शामिल होने का न्योता दिया था, ताकि 18 जुलाई को होने जा रहे राष्ट्रपति चुनाव (Presidential Election) के लिए विपक्षी दलों के बीच एक संयुक्त उम्मीदवार पर आम सहमति बन सके.
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