Presidential Election: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के नेतृत्व वाली एनडीए (NDA) उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने आज राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया. इस दौरान पीएम मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह समेते बीजेपी की तमाम बड़े नेता मौजूद रहे. द्रौपदी मुर्मू के नामांकन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) प्रस्तावक और राजनाथ सिंह ने अनुमोदक की भूमिका निभाई. द्रौपदी मुर्मू के नामांकन के दौरान बीजेपी समेत पूरा एनडीए एकजुट नजर आया. इस अवसर पर बीजेपी शासित प्रदेशों के मुख्यमंत्री भी द्रौपदी मुर्मू के नामांकन (Draupadi Murmu Nomination) में शामिल होने के लिए पहुंचे. बीजद प्रमुख नवीन पटनायक और आंध्र प्रदेश की सीएम जगन मोहन रेड्डी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं. इसके बाद द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति बनना लगभग तय माना जा रहा है.
आगामी 18 जुलाई को देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव होना है. लेकिन देश के शीर्ष संवैधानिक पद के लिए चुनाव में जम्मू-कश्मीर की विधानसभा भाग नहीं ले पाएगी. क्योंकि साल 2019 में जम्मू-कश्मीर राज्य को विभाजित कर दो केंद्र शासित प्रदेश में बदल दिया गया था. तब से लेकर अभी तक जम्मू-कश्मीर की विधानसभा का गठन नहीं किया जा सका है. आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर के लिए एक विधानसभा का प्रावधान करता है, लेकिन किसी वजह से वहां चुनाव नहीं कराए जा सके हैं. हांलाकि, जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के पांच लोकसभा सदस्य जिनमें फारूक अब्दुल्ला, हसनैन मसूदी, अकबर लोन, जुगल किशोर शर्मा और जितेंद्र सिंह राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे.
इतिहास में दूसरी बार होगा ऐसा
आपको बता दें कि जम्मू कश्मीर के इतिहास में ऐसा दूसरी बार होने जा रहा है, जब राज्य विधानसभा राष्ट्रपति चुनाव में भाग नहीं ले पाएगी. इससे पहले साल 1992 में जम्मू-कश्मीर का विघटन किया गया था. उस वक्त शंकर दयाल शर्मा राष्ट्रपति चुने गए थे. देश के अगले राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को मतदान होगा. भाजपा ने उड़ीसा की आदिवासी महिला और झारखंड की पूर्व राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू को उम्मीदवार बनाया है, वहीं विपक्ष ने पूर्व बीजेपी नेता यशवंत सिन्हा पर दांव लगाया है.
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