Presidential Election 2022: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने शुक्रवार को यहां एनडीए (NDA) के सांसदों और विधायकों से अपने लिए समर्थन मांगा और उत्‍तर प्रदेश की सराहना की. लखनऊ के लोक भवन (मुख्यमंत्री कार्यालय) में आयोजित बैठक में मुर्मू का भारतीय जनता पार्टी (BJP) और एनडीए के सहयोगी दलों अपना दल (एस) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के नेताओं ने स्वागत किया और उन्हें समर्थन का भरोसा दिया.


अपने संबोधन में उत्तर प्रदेश के गौरवशाली अतीत की चर्चा करते हुए मुर्मू ने कहा कि ''जनजातीय समाज में जन्म लेने वाली एक महिला आज आपके सामने समर्थन मांगने आई है.  मैंने अभाव के बावजूद अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति के बल पर उच्च शिक्षा प्राप्त की.  कमजोर वंचित तबके और जनजातीय समाज के लिए आजीवन मैंने कार्य किया है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी का समर्थन मुझे प्राप्त होगा.''


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ (Yogi Adityaonath) ने शुक्रवार को अपने पांच कालिदास मार्ग स्थित सरकारी आवास पर एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मुर्मू के सम्मान में रात्रिभोज (Dinner) आयोजित किया.


राजभर और शिवपाल हुए शामिल
मुख्यमंत्री कार्यालय के सूत्रों ने बताया कि इस रात्रिभोज में बीजेपी के सहयोगी दलों के नेताओं के अलावा समाजवादी पार्टी नीत गठबंधन में शामिल सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar), प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव (Shivpal Singh Yadav), जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के अध्यक्ष रघुराज प्रताप सिंह और बहुजन समाज पार्टी के विधायक उमाशंकर सिंह भी शामिल हुए.


जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के प्रमुख रघुराज प्रताप सिंह ने भी पत्रकारों से बातचीत में पुष्टि की कि उनके अलावा राजभर, शिवपाल यादव और उमाशंकर सिंह भी रात्रिभोज में शामिल हुए.


अखिलेश के कर चुके हैं यशवंत सिन्हा का समर्थन
एनडीए के मंत्रियों और विधायकों के साथ इन विधायकों की उपस्थिति महत्व रखती है क्योंकि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाला विपक्षी खेमा राष्ट्रपति चुनाव में यशवंत सिन्हा का समर्थन कर रहा है.


अखिलेश यादव ने यशवंत सिन्‍हा के साथ गुरुवार की प्रेस वार्ता में ओमप्रकाश राजभर को आमंत्रित नहीं किया था. राजभर ने शुक्रवार को मऊ में बैठक की और कहा कि कि वह अपने कार्यकर्ताओं से विमर्श कर राष्ट्रपति चुनाव के संदर्भ में 12 जुलाई को अपने पत्ते खोलेंगे.


हालांकि आदित्यनाथ द्वारा आयोजित रात्रिभोज में उनकी मौजूदगी ने एनडीए उम्मीदवार के प्रति उनके झुकाव को इंगित किया है.  शिवपाल यादव के कदम को भी इस लिहाज से अहम माना जा रहा है.  शिवपाल भी विधानसभा के सदस्य हैं.


किसके कितने विधायक?
उत्तर प्रदेश विधानसभा में राजभर की पार्टी के छह विधायक हैं.  उन्होंने हाल में उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव सपा के नेतृत्व वाले गठबंधन में लड़ा था. उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यों वाली विधानसभा में सहयोगी दलों समेत बीजेपी के 273 सदस्‍य हैं जबकि जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो और बसपा का एक सदस्‍य है.


इसके पहले लोक भवन में हुई बैठक में मुख्‍यमंत्री आदित्‍यनाथ ने अपने संबोधन में मुर्मू का स्वागत किया.


दलीय सीमाएं टूटती हुई दिख रही हैं
बीजेपी सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, योगी ने अपने संबोधन में कहा कि देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए जनजातीय समाज की एक महिला को उतारने को न केवल एनडीए के घटक दलों ने सकारात्मक भाव के साथ स्वीकार किया है, बल्कि दलीय सीमाएं टूटती हुई दिख रही हैं.


मुख्यमंत्री ने कहा कि ओडिशा में बीजद ने उन्हें समर्थन दिया, झारखंड में समर्थन मिल रहा है, आंध्र और पंजाब में दलीय सीमा टूटी तो उत्तर प्रदेश में भी जरूर टूटेगी. उन्होंने कहा, “विधायक और मंत्री के रूप में अपने दायित्वों का मुर्मू जी ने जिस प्रतिबद्धता के साथ निर्वाह किया उसकी सर्वत्र सराहना होती है.  वह कभी मूल्यों से विचलित नहीं हुईं. ”


योगी ने कहा, “जनजातीय समाज के उत्थान में समर्पित उनका जीवन अनुकरणीय रहा है.  राज्यपाल के रूप में झारखंड का मार्गदर्शन करते हुए उन्होंने जो अनुकरणीय कार्य प्रस्तुत किया उसके फलस्वरूप आज सर्वसम्मति से देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद के लिए द्रौपदी मुर्मू जी का नाम तय हुआ है. ”


इस दौरान आदित्यनाथ के अलावा, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी (Smriti Irani), डॉ. महेन्द्र नाथ पांडेय, प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह (Swatantra Dev Singh), उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य (Keshav Prasad Maurya), ब्रजेश पाठक, अपना दल (एस) के नेता व केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) व आशीष पटेल और निषाद पार्टी के नेता डॉ. संजय निषाद सहित अन्य वरिष्ठ नेता एनडीए प्रत्याशी के साथ मौजूद रहे.


बीजेपी (BJP) सूत्रों के अनुसार सभी विधायकों (MLAs) को सजग किया गया कि एक भी वोट बेकार न जाए और 16 जुलाई को भी सभी लोग लखनऊ (Lucknow) पहुंच जाएं.


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