Presidential Election 2022: उत्तर प्रदेश के हर निर्वाचित विधायक का मत मूल्य सर्वाधिक 208 रहने के कारण सोमवार को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में इस राज्य की अहम भूमिका रहेगी. चुनाव में राजग की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू और विपक्षी दलों के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा के बीच मुकाबला होगा. उत्तर प्रदेश की विधानसभा में कुल 403 सदस्य हैं जो इस चुनाव में मतदान करेंगे.
उप्र में राष्ट्रपति चुनाव के लिए पीठासीन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने बताया कि राज्य के पांच विधायक व्यक्तिगत कारणों से 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राज्य के बाहर अपना वोट डालेंगे. इनमें से चार दिल्ली में मतदान करेंगे, जबकि एक विधायक ने तिरुवनंतपुरम में मतदान करने का फैसला किया है.
कितने लोग डालेंगे यूपी के बाहर वोट?
पीठासीन अधिकारी बृजभूषण दुबे ने बताया कि अब तक पांच विधायकों ने सूचित किया है कि वे उत्तर प्रदेश के बाहर अपना वोट डालेंगे. इनमें मुकेश चौधरी ( सहारनपुर जिले की नकुड़ सीट से भाजपा विधायक), जियाउर्रहमान (मुरादाबाद के कुंदरकी से सपा विधायक), प्रदीप कुमार सिंह (हाथरस के सादाबाद से राष्ट्रीय लोकदल के विधायक), बृजभूषण राजपूत (महोबा के चरखारी से भाजपा विधायक) और नील रतन पटेल (वाराणसी में सेवापुरी से भाजपा विधायक) शामिल हैं.
दुबे ने बताया कि नील रतन पटेल तिरुअनंतपुरम में अपना वोट डालेंगे जबकि बाकी चार दिल्ली में अपना वोट देंगे. दुबे ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए मतदान की सभी तैयारी पूरी कर ली गई है. उन्होंने कहा कि सभी विधायकों को सूचित कर दिया गया है और उन्हें यह भी बताया गया है कि क्या सावधानियां बरतनी हैं. दुबे ने कहा कि विधायकों को अपनी पसंद के उम्मीदवार को वोट देने के लिए चुनाव आयोग की विशेष कलम का इस्तेमाल करना होगा.
यूपी में कहां होगा मतदान?
दुबे ने कहा कि उप्र विधानमंडल के तिलक हॉल में सुबह 10 बजे से शाम पांच बजे तक मतपत्र के माध्यम से मतदान होगा और इसके लिए तीन मतदान केंद्र भी बनाए गए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली से आई दो मतपेटियों को 18 जुलाई को ही मतदान पूरा होने के बाद वापस दिल्ली भेज दिया जाएगा.
दुबे ने कहा कि मतों की गिनती 21 जुलाई को दिल्ली में होगी. पीठासीन अधिकारी ने यह भी बताया कि मतदान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए किया जाएगा और चुनाव के संबंध में पुलिस महानिरीक्षक और उप महानिरीक्षक को आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं. उन्होंने कहा कि चुनाव से संबंधित सभी निर्देश और चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशा-निर्देश भी विधायकों को भेजे गए हैं.
राष्ट्रपति चुनावों में क्या है सांसदों के वोट का मूल्य?
चुनाव आयोग के मुताबिक इस बार एक सांसद के वोट का मूल्य 700 है. अलग-अलग राज्यों में हर विधायक के वोट का मूल्य अलग-अलग होता है. उत्तर प्रदेश में प्रत्येक विधायक के वोट का मूल्य 208 है, इसके बाद झारखंड और तमिलनाडु में 176 है. महाराष्ट्र में यह 175 है. सिक्किम में प्रति विधायक वोट का मूल्य सात है, जबकि नगालैंड में यह नौ और मिजोरम में आठ है.
आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली के माध्यम से राष्ट्रपति का चुनाव करने वाले निर्वाचक मंडल में निर्वाचित सांसद और राज्य विधानसभाओं के सदस्य शामिल होते हैं. मनोनीत सांसद, विधायक और विधानपरिषद के सदस्य इस चुनाव में मतदान करने के हकदार नहीं हैं. संसद के निर्वाचित सदस्यों और राज्य विधानसभाओं के सदस्यों को 18 जुलाई को मतदान के लिए अलग-अलग रंगों के मतपत्र मिलेंगे.
राष्ट्रपति चुनावों में किस रंग के मिलेंगे पत्र?
सांसदों को जहां हरे रंग के मतपत्र मिलेंगे, वहीं विधायकों को गुलाबी रंग में मतपत्र दिये जाएंगे. प्रमुख राजनीतिक दलों ने पहले ही संबंधित उम्मीदवारों के लिए अपने समर्थन की घोषणा कर दी है. विपक्षी खेमे में समाजवादी पार्टी के सहयोगी ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने राष्ट्रपति चुनाव में राजग उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को समर्थन देने का ऐलान किया है.
प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष और जसवंत नगर सीट से सपा विधायक शिवपाल सिंह यादव भी राजग उम्मीदवार को वोट देने की घोषणा कर चुके हैं. उत्तर प्रदेश के 403 सदस्यों वाली विधानसभा में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगी अपना दल (एस) और निर्बल इंडियन शोषित हमारा आम दल (निषाद) के विधायकों की कुल संख्या 273 है.
विपक्षी दलों के पास हैं कितने विधायक?
राज्य के मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के सदस्यों की संख्या 111 और उसके सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के छह तथा राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के आठ सदस्य हैं. इसके अलावा कांग्रेस के दो, बहुजन समाज पार्टी का एक और जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के दो विधायक हैं.