Presidential Election 2022: भारत में 18 जुलाई, सोमवार को राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव होंगे और 21 जुलाई को देश को नये राष्ट्रपति मिल जाएंगे. चुनाव से पहले एनडीए (NDA)समर्थित उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने कई राज्यों का दौरा किया और अपने समर्थन में वोटिंग की अपील की. वहीं, विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा (Yashwant Sinha) ने भी 18 जुलाई को अपने पक्ष में वोटिंग की अपील की. हालांकि, सिन्हा ने सांसदों (MP)और विधायकों (MLA) से अपील की है कि जाति के आधार पर किसी का समर्थन नहीं हो, अपनी अंतरात्मा की आवाज सुनकर वोट करें.
इस बार चुनाव ने अभियान का रूप ले लिया है
यशवंत सिन्हा शनिवार को रांची (Ranchi)पहुंचे थे. उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया और कहा कि यह हमारे संविधान में इकलौता पद है, जिसका चुनाव पूरे देश के स्तर पर लड़ा जाता है. लेकिन इस बार इस चुनाव ने ऐसे अभियान का रूप ले लिया है, जहां लड़ाई पहचान की नहीं बल्कि विचारधारा की हो गयी है. जो लोग आदिवासी पहचान, हित और सम्मान की बात कर रहे हैं, वह क्यों नहीं आदिवासी को प्रधानमंत्री बना देते?
सिन्हा शनिवार को रांची में कांग्रेस विधायकों और सांसदों से मुलाकात के बाद मीडिया से मुखातिब थे. सिन्हा ने कहा कि एक तरफ हमलोग लोकतंत्र को बचाने के लिए खड़े हैं, वहीं दूसरी ओर खड़े लोग लोकतंत्र को खत्म करने पर तुले हैं.
अब प्रजातंत्र को ही खत्म करने की कोशिश हो रही है
देश की मौजूदा राजनीतिक स्थिति की चर्चा करते हुए सिन्हा ने कहा कि अब प्रजातंत्र को ही खत्म करने की कोशिश चल रही है. अब तो सरकार के खिलाफ न तो संसद में बोल सकते हैं और न ही संसद के बाहर विरोध कर सकते हैं. शब्दों को असंसदीय बताते हुए जो सूची जारी की गयी है, उसका मतलब यही है कि संसद में सिर्फ सरकार का स्तुति गान करना है. ये बड़ी हास्यास्पद स्थिति है.
आज खिलाफत वही कर सकता है जो बेदाग है
उन्होंने कहा कि लोकशाही का जो मंदिर है उसे खत्म किया जा रहा है. केवल पांच साल में वोट डालना ही प्रजातंत्र नहीं है। प्रजातंत्र तो रोज व्यवहार में दिखना चाहिए. उन्होंने कहा कि देश में हर व्यक्ति के लिए एक तरह के डर का माहौल है, सिर्फ एक व्यक्ति को छोड़कर यह डर उनके कैबिनेट के मंत्रियों में है, उनके अपने लोग भी डरे हुए हैं. जिस तरह से ईडी, सीबीआई और इन्कम टैक्स का दुरुपयोग हो रहा है, उसमें सरकार के खिलाफ वही लड़ सकता है जो बेदाग है.
जब सिन्हा से यह पूछा गया कि क्या चुनाव में आपको आपके सांसद पुत्र जयंत सिन्हा का वोट मिलेगा? उन्होंने कहा कि मेरे पुत्र से इस बारे में बात कर लीजिए. मुझे उसकी तरफ कुछ भी बोलने का अधिकार नहीं है.
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