नयी दिल्ली: राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार पर आम राय बनाने के लिए बीजेपी की एक समिति ने कांग्रेस और वाम दलों के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की और वरिष्ठ बीजेपी नेता लालकृष्ण आडवाणी के साथ विचार विमर्श किया. लेकिन समिति ने अभी तक किसी उम्मीदवार का नाम नहीं सुझाया है, जिससे विपक्ष ने इस कवायद पर सवाल उठाए हैं.


समिति के दो सदस्यों केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह और एम वेंकैया नायडू ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, माकपा महासचिव सीताराम येचुरी के साथ ही आडवाणी तथा मुरली मनोहर जैसे वरिष्ठ बीजेपी नेताओं से मुलाकात की.


पीएम मोदी के निर्देश पर विपक्षी नेताओं से मुलाकात


 सूत्रों ने बताया कि दोनों मंत्रियों ने आडवाणी को सूचित किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह के निर्देश पर पैनल ने अन्य नेताओं के साथ बातचीत शुरू की है, लेकिन किसी संभावित उम्मीदवार का जिक्र नहीं किया गया.


किसी नाम का प्रस्ताव नहीं करने पर बीजेपी की आलोचना करते हुए येचुरी ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर विपक्षी दलों के साथ बीजेपी की बैठकें महज प्रचार है. उन्होंने एक बार फिर अपनी पार्टी का रूख दोहराया कि मजबूत धर्मनिरपेक्ष साख वाला व्यक्ति ही अगला राष्ट्रपति होना चाहिए.


विपक्ष ने बीजेपी से विकल्प बताने को कहा


मंत्रियों के सोनिया गांधी से मुलाकात करने के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने कोई नाम प्रस्तावित नहीं किया और कांग्रेस नेताओं से अपने विकल्प के बारे में बताने को कहा.


उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद थी कि बीजेपी नेता राष्ट्रपति पद के लिए एक-दो नाम के साथ आएंगे ताकि कांग्रेस उस पर कोई फैसला कर सके. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ.


समिति के तीसरे सदस्य अरूण जेटली अभी देश से बाहर हैं.


मोदी के विदेश जाने से पहले नाम का हो सकता है एलान


सूत्रों ने कहा कि सिंह और नायडू ने विपक्षी नेताओं से कहा कि मोदी के 24 जून को विदेश रवाना होने से पहले पार्टी उम्मीदवार के नाम को अंतिम रूप देना चाहेगी. बीजेपी प्रधानमंत्री के रवाना होने के दो तीन दिन पहले अपने उम्मीदवार को अंतिम रूप दे सकती है.


बीजेपी नेताओं ने सबसे पहले सोनिया गांधी से उनके निवास 10, जनपथ पर उनसे मुलाकात की. इस बैठक में मल्लिकार्जुन खड़गे और गुलाम नबी आजाद मौजूद थे.


दोनों मंत्रियों ने येचुरी एवं अन्य वाम नेताओं के साथ मुलाकात में भी किसी उम्मीदवार के नाम का जिक्र नहीं किया.


विपक्षी पार्टियों को नाम का इंतजार


माकपा मुख्यालय में करीब 30 मिनट तक चली बैठक के बाद येचुरी ने कहा कि 17 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए सरकार की ओर से अपना उम्मीदवार तय करने को लेकर चल रहा विचार-विमर्श पूरा होने तक विपक्षी पार्टियां इंतजार करेंगी.


येचुरी ने कहा, “उन्होंने हमें बताया कि वे हमारा समर्थन चाहते हैं. हमने कहा ठीक है, हमें समर्थन का आधार बताएं, उम्मीदवार कौन है. लेकिन उन्होंने यह नहीं बताया...कहा इसमें कुछ वक्त लेंगे.” येचुरी ने कहा कि आम राय कायम करने के लिए नाम सुझाने की जिम्मेदारी सरकार की है.


नायडू ने राकांपा प्रमुख शरद पवार से फोन पर बात की और अन्नाद्रमुक नेता थंबीदुरै से मुलाकात की.


मंत्री ने सपा नेता मुलायम सिंह यादव तथा बसपा नेता सतीश मिश्रा से भी मुलाकात की और सतीश मिश्रा ने अपनी नेता मायावती से उनकी फोन पर बात कराई.


बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी नामांकन दाखिल करने की औपचारिकताएं पूरी करने के लिए तैयार है. उसने अलग अलग सीटों में नाम प्रस्तावित करने वालों और समर्थन करने वालों के नामों की पहचान कर ली है.


सिंह और नायडू से मुलाकात करने के बाद भाकपा महासचिव एस सुधाकर रेड्डी ने कहा कि विपक्ष से संपर्क करने के सरकार के कदम की उन्होंने सराहना की, लेकिन जोर दिया कि उम्मीदवार धर्मनिरपेक्ष छवि का होना चाहिये और उसकी लोकतांत्रिक विश्वसनीयता होनी चाहिए.