नई दिल्ली: जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के संभावित दावेदारों में मोदी सरकार के एक बड़े मंत्री का नाम भी लिया जा रहा है. बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बीच नागपुर में बैठक हुई है. माना जा रहा है कि इस बैठक में राष्ट्रपति पद के संभावित उम्मीदवार के नाम की चर्चा भी हुई है.


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केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत का नाम आगे


चर्चा है कि बीजेपी अपने केंद्रीय मंत्री थावर चंद गहलोत को चुनाव मैदान में उतार सकती है. गहलोत प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं. पहले इस बात की चर्चा थी कि किसी गैरराजनीतिक चेहरे को मैदान में उतारकर बीजेपी विपक्ष को भी समर्थन देने पर मजबूर कर देगी, लेकिन अब पार्टी का मानना है कि पांच राज्यों में मिली जीत के बाद राष्ट्रपति चुनाव के लिए जरूरी वोट पास में है, इसलिए राष्ट्रपति पार्टी का ही सदस्य होना चाहिए.


कौन हैं थावर चंद गहलोत?


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69 साल के थावर चंद गहलोत मध्य प्रदेश के उज्जैन से आते हैं.  गहलोत ने 80 के दशक में राजनीति शुरू की थी. वब तीन बार विधायक रहे और मध्य प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री भी रह चुके हैं. यह 1996 से 2009 तक शाजापुर सुरक्षित सीट से लगातार चार बार सांसद चुने गए. 2009 में चुनाव हारने के बाद 2012 में मध्य प्रदेश से राज्यसभा भेजे गए. गहलोत बीजेपी में फैसला लेने वाली समिति संसदीय बोर्ड के सदस्य हैं.


आरएसएस के प्रचारक रहे हैं थावरचंद गहलोत


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आरएसएस के प्रचारक रहे थावरचंद गहलोत बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव, महासचिव और उपाध्यक्ष रह चुके हैं. बीजेपी में संगठन के चुनाव की जिम्मेदारी निभाते आ रहे हैं.  संगठन में मजबूत पकड़ के साथ गहलोत को आरएसएस की पंसद भी माना जाता है. हालांकि बीजेपी के सूत्र बता रहे हैं कि अभी जो पैनल तैयार किया गया है जिसमें एक नाम फाइनल होना है.


सुमित्रा महाजन, द्रौपदी मुर्मू भी रेस में हैं


थावरचंद गहलोत के अलावा लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन का नाम भी एनडीए के उम्मीदवारों की सूची में शामिल है. एक और नाम झारखंड की राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू का भी है. अगर मुर्मू राष्ट्रपति चुनी जाती हैं तो आदिवासी समाज से आने वाली पहली महिला राष्ट्रपति होंगी.


सरकार के सूत्रों के मुताबिक, राष्ट्रपति चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ ही एनडीए अपने उम्मीदवार का एलान कर देगी और अगर विपक्ष भी एनडीए के उम्मीदवार के पक्ष में तैयार होता है तो जुलाई में आम सहमति से राष्ट्रपति चुन लिया जाएगा.