राज्यसभा में हंगामे पर 8 केंद्रीय मंत्रियों की प्रेस कॉन्फ्रेंस, अनुराग ठाकुर बोले- घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए देश से माफी मांगे विपक्ष
आज केंद्र के 8 केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इसमें पीयूष गोयल, धर्मेन्द्र प्रधान, प्रह्लाद जोशी, मुख्तार अब्बास, मुरालीधरन, अर्जुन मेघवाल, अनुराग ठाकुर, भूपेंद्र यादव शामिल हुए.
नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प को लेकर केंद्र सरकार और विपक्ष आमने सामने है. कांग्रेस के आरोपों के बाद अब आठ केंद्रीय मंत्रियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पलटवार किया है. केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, देश की जनता इंतजार करती है कि उनसे जुड़े हुए विषयों को सदन में उठाया जाए, वहीं विपक्ष का सड़क से संसद तक एकमात्र एजेंडा सिर्फ अराजकता रहा. घड़ियाली आंसू बहाने की बजाए विपक्ष को देश से माफी मांगनी चाहिए.
वहीं संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, 'कांग्रेस और उसके मित्र सहयोगियों ने संसद को नहीं चलने देने का पहले ही फैसला कर लिया था. उन्होंने नए मंत्रियों का परिचय नहीं होने दिया, उन्होंने महत्वपूर्ण बिलों पर भी चर्चा नहीं होने दी. हमारी तरफ से विपक्ष से कई बार बात हुई. हमने उनसे निवेदन किया था कि नए मंत्रियों का परिचय करने का मौका दे दीजिए. उसे भी नहीं माना. हम मांग करते हैं कि राज्यसभा के सभापति को नियम तोड़ने वाले विपक्षी सांसदों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए.'
"6 सांसदों ने कांच तोड़ा और महिला सुरक्षाकर्मी को घायल कर दिया."
प्रह्लाद जोशी ने आगे कहा, '6 सांसदों ने कांच तोड़ कर हंगामा किया और महिला सुरक्षाकर्मी को घायल कर दिया. हमको धमकाया गया कि अगर आप बिल पास करने की कोशिश करेंगे तो जो कल हुआ उससे भी ज्यादा होगा. हमने रोज उनसे रिक्वेस्ट किया कि सदन चलने दे. हम चर्चा को तैयार हैं, लेकिन वो चलने नहीं दिया.
उन्होंने कहा, 'राज्यसभा में हुआ वो बहुत गलत था. वो टेबल पर चढ़कर हंगामा कर रहे थे और उसका वीडियो बनाकर रिलीज कर दिया. उन्हें लग रहा था कि वो बहुत अच्छा कर रहे हैं. लेकिन ये संसदीय मर्यादा और नियमों के खिलाफ है. लोकतंत्र की हत्या करने का काम किया गया है. लोगों ने देखा है उनकी तरफ से क्या किया गया है विपक्ष को माफी मांगनी चाहिए.'
संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा, 'हम चेयरमैन से मांग करते हैं कि उनके खिलाफ कार्रवाई की जाए और इस तरह की घटना फिर से ना हो. बिल सरकार के लिए नहीं बिल लोगों के भले के लिए हैं. संसद की पहली ड्यूटी है बिल को पास करना है. हंगामा करने वाले सांसदों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. वो अपनी हार को अब तक बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. उनके खिलाफ ऐसी कार्रवाई की जाए कि आने वाले समय में कोई इस तरह की घटना को अंजाम न दे.'
'बार-बार ऐसा करने की धमकी दे रहा है विपक्ष'
वहीं विपक्ष पर हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कहा, 'जब चर्चा करना चहाते तो हंगामा करते थे. आज बहुत पीड़ा के साथ हम यहां आए हैं. सरकार हमेशा चाहती है कि सदन में चर्चा हो लेकिन वो चर्चा के लिए तैयार नहीं थे. चेयरमैन पर भी बेवजह आरोप लगाया गया. उनकी डिग्निटी पर सवाल किए गए. जिस तरह से महिला को चोट लगी है उसके खिलाफ कार्रवाई करनी चाहिए. जिस तरह से रूल बूक को फेंका गया है वो एक हमला था. सख्त से सख्त कार्यवाही करना चाहिए. वो इसके लिए माफी तो छोड़िए वो कह रहे है हम इस तरह बार-बार कर सकते हैं.'