Tomatoes And Vegetables Price Hike: देश में टमाटर और सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं. इस वजह से शाकाहारी थाली 28 प्रतिशत तक महंगी हो गई हैं. एक रेटिंग एजेंसी की यूनिट ने सोमवार को एक रिपोर्ट जारी की. इसमें कहा गया है कि टमाटर और सब्जियों के दाम बढ़ने के कारण मांसाहारी थाली पर कम प्रभाव पड़ा है और इसे तैयार करने की कीमत केवल 11 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि शाकाहारी थाली के दामों में 28 फीसदी की बढ़त हुई है.
रिपोर्ट के मुताबिक टमाटर की बढ़ती कीमतों के कारण जून की तुलना में जुलाई में ‘शाकाहारी थाली’ तैयार करना 28 प्रतिशत महंगा हो गया. थालियों की महंगाई काफी हद तक टमाटर की कीमतों में 233 प्रतिशत की बढ़ोतरी के कारण हुई है.
250 रुपये किलो पहुंचा टमाटर का भाव
बता दें कि टमाटर का दाम जुलाई में 110 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया, जबकि जून में यह 33 रुपये किलो था. वहीं, अगस्त में टमाटर का भाव 250 रुपये किलो तक पहुंच गया है. रिपोर्ट में कहा गया है कि यह लगातार तीसरा महीना है, जब थाली की कीमतों में इजाफा हुआ है.
रेस्टोरेंट बिजनेस पर असर
बढ़ती कीमतों ने शाकाहारी थाली महंगी कर दी है, जिसका असर आम आदमी पर पड़ा है. साथ ही बढ़ती कीमतों के कारण रेस्त्रां बिजनेस भी प्रभावित हो रहा है. भले ही सब्जियों की कीमतों में इजाफा हो गया हो, लेकिन रेस्त्रां मालिकों को अभी भी थाली पुराने दामों पर ही परोसनी पड़ रही है, जिस वजह से उनका प्रॉफिट न के बराबर है.
सब्जियों की कीमतों में इजाफा
गौरतलब है कि ग्रेवी बनाने के लिए टमाटर का ज्यादा इस्तेमाल होता है. वहीं, अगर बात करें अन्य सब्जियों की तो वह भी बहुत महंगी हो गई हैं. मासिक आधार पर प्याज और आलू की कीमतें भी क्रमश: 16 प्रतिशत और 9 प्रतिशत बढ़ीं है, जिससे लागत में और वृद्धि हुई है.
कस्टमर को थाली परोसना हुआ मुश्किल
इस संबंध में दिल्ली के फेमस रेस्टोरेंट सुराची के मैनेजर नेको ने एबीपी को बताया कि उनके किचन में जितनी तरह की डिश तैयार हो रही हैं, उनमें से ज़्यादातर में टमाटर का इस्तेमाल होता है. उन्होंने कहा कि इस वक्त कस्टमर को थाली परोसना मुशिकल हो रहा है. हमने थाली के प्राइस नहीं बढ़ाए हैं. वहीं, लागत बहुत ज़्यादा लग रही है.
रेस्टोरेंट मैनेजर के हिसाब से अगर घर में टमाटर नहीं होगा तो सब्जी बन सकती है, लेकिन रेस्टोरेंट में टमाटर के बिना कुछ काम नहीं हो सकता. इसलिए अगर टमाटर 300 रुपये किलो भी होता है तो उन्हें उसे खरीदना ही पड़ेगा और उसका इस्तेमाल जरूरी है.