पंजाब: किसान आंदोलन के कारण पंजाब में फलों के भाव लगातार बढ़ रहे हैं. इस समय इंटरनेशनल फलों की कीमत घरेलू बाज़ार में बढ गई है आम तौर पर यह वह वक्त होता है, जिस समय फल सबसे सस्ता होता है, लेकिन इस बार किसान आंदोलन के कारण फलों की कीमतें आसमान छूह रही हैं.
व्यापारी परेशान हैं क्योंकि पहले कोरोना वायरस के कारण काम नहीं था. उसके बाद अब किसानों के प्रदर्शन के कारण रेट बढ़ गए हैं. अगर ग्राहकों की बात की जाए तो मंडी में ग्राहक बिल्कुल नहीं हैं. आढ़तियों का कहना है कि किसान आंदोलन का हल सरकार जल्द करे, ताकि फलों की मंडी में बाहर के फल की किल्लत न हो. मंडी में ग्राहक बिल्कुल नहीं हैं और ज़्यादातर किसान और परिवार प्रदर्शन करने के लिए दिल्ली गए हुए हैं, जिसका भी प्रभाव व्यापार पर पड़ रहा. व्यापारियों का कहना है कि सरकार को जल्द किसानों का हल निकालना चाहिए.
किसान अपनी मांगों पर अड़े
मंगलवार को सरकार के साथ हुई तीन घंटे की बातचीत बेनतीजा रहने के बाद आज दिल्ली बॉर्डर पर किसान संगठनों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके एक बार फिर अपने इरादे साफ कर दिए. किसान नेताओं ने कहा कि सरकार लंबी चर्चा करके टरकाने की कोशिश कर रही है. इसके साथ ही किसानों ने एक बार फिर दोहराया कि छोटी कमेटी नहीं बनेगी.
किसान नेता ने कहा, "केंद्र से बातचीत के लिए किसानों की छोटी कमेटी नहीं बनेगी. हम सात या दस पेज का मसौदा सरकार को भेजेंगे, सरकार नहीं मानेगी तो आंदोलन जारी रहेगा." किसानों ने मांग की कि संसद का विशेष सत्र बुलाकर कृषि क़ानून को रद्द किया जाए.
किसान नेता गुरनाम सिंह चडूनी कहा, ''अगर केंद्र ने जल्दी हमारी बात ना मानी तो किसान सख़्त कदम उठा सकते हैं. बगावत जैसी स्थिति उत्पन ना हो इसलिए सरकार किसानों की मांग जलद पूरी करे.''
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