नई दिल्ली: कोरोना महामारी और लॉकडाउन ने लोगों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब कर दी. अब ऐसे में महंगाई आसमान छू रही है जिस वजह से एक आम आदमी के लिए गुज़ारा करना और भर पेट दो वक्त की रोटी खाना बेहद मुश्किल हो गया है. आलू, प्याज़ और टमाटर जैसी सब्ज़ियों के दामों में इतना उछाल दर्ज किया गया जिसने लोगों को चिंता में डाल दिया.


पिछले दिनों के मुकाबले आज कल सब्ज़ियों के दामों में कुछ गिरावट दर्ज हुई है लेकिन वह भी नाम मात्र है. लेकिन नवंबर के पहले हफ्ते में सब्ज़ियों के दामों में भारी गिरावट की उम्मीद जताई जा रही है.


कहीं तेज़ बारिश तो कहीं बिल्कुल सूखा पड़ जाने की वजह से फसल बहुत खराब हुई हैं. व्यापारियों की मानें तो अभी कुछ गिरावट आई है. लेकिन फिर भी काम नहीं चल रहा है. लोग ज़्यादा इफरात से सब्ज़ियां नहीं खरीद रहे. साथ ही डीजल के दामों में बेतहाशा बढ़ोतरी से ट्रांसपोर्ट का पैसा भी बढ़ा है जिस कारण सब्जियों के दामों में तेजी से उछाल आया है.


पिछले महीने सब्ज़ियों के दामों ने लोगों के होश उड़ा दिए और चिंताएं बढ़ा दीं. आलू जो मंडी में 10 से 15 रुपये किलो तक मिलता था, यह पिछले कुछ दिनों में 35- 40 रुपये तक बिका. बाहर सब्ज़ी की दुकानों में 50-60 रुपये किलो तक बिका. अभी की अगर बात करें तो मंडी में 25-35 रुपये तक आलू बिक रहा है, जो बाहर सब्ज़ी की दुकानों पर 40 रुपये तक बिक रहा है. आजादपुर मंडी में आलू के व्यापारियों का मानना है कि कुछ दिनों में दाम कम हो जाएंगे क्योंकि आने वाले दिनों में नई फसल भी आ जाएगी.


प्याज़ और टमाटर की अगर बात करें तो पिछले कुछ दिनों में प्याज़ के दामों ने सभी के आंसू निकाल दिए. मंडी में प्याज़ 50 से 60 रुपये तक मिल रहा था जिसको बाहर खुदरा व्यापारियों ने 80 रुपये प्रति किलो तक बेचा है. कहीं तो प्याज ₹100 तक भी बिकी है और टमाटर ₹50 से ज्यादा का ही मंडियों में बिक रहा था.


लेकिन व्यापारियों की मानें तो प्याज़ के दाम भी कुछ ही दिनों में कम हो जाएंगे क्योंकि प्याज़ की भी नई फसल तैयार हो गई है जो कुछ ही दिनों में मंडी में आ जाएगी. नवंबर के पहले हफ्ते में मंडी व्यापारियों की उम्मीद है कि नई फसल आते ही सब्ज़ियों के दाम कम होंगे जिससे आम लोगों के लिए कुछ राहत होगी.


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