नई दिल्ली: एसटीएफ अधिकारियों के साथ शुक्रवार सुबह एनकाउंटर में गंभीर रूप से घायल होने के बाद गैंगस्टर विकास दुबे ने दम तोड़ दिया. यूपी पुलिस विकास को उज्जैन से लेकर कानपुर आ रही थी कि तभी एक सड़क हादसे के दौरान गाड़ी पलट गई. गाड़ी पलटने के बाद विकास ने पुलिस वाले का हथियार छीनकर भागने की कोशिश की और क्रॉस फायरिंग में वह मारा गया. विकास दुबे के एनकाउंटर में मारे जाने के बाद विपक्ष की प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी हैं विपक्ष लगातार सवाल उठा रहा है.
विकास दुबे के मारे जाने की खबर के बाद कांग्रेस के मीडिया प्रभारी ऱणदीप सुरजेवाला ने कहा कि विकास दुबे एनकाउंटर में मारा गया. कई लोगों ने पहले ही ये आशंका जताई थी. पर अनेकों सवाल छूट गए.
1. अगर उसे भागना ही था, तो उज्जैन में सरेंडर ही क्यों किया?
2. उस अपराधी के पास क्या राज थे जो सत्ता-शासन से गठजोड़ को उजागर करते?
3. पिछले 10 दिनों की कॉल डिटेल्ज़ जारी क्यों नहीं?
वहीं विकास दुबे के मारे जाने की खबर के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने एक बार फिर सवाल उठाए हैं. प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि अपराधी का अंत हो गया, अपराध और उसको सरंक्षण देने वाले लोगों का क्या?
दिग्विजय सिंह ने कहा कि जिसका शक था वह हो गया. विकास दुबे का किन किन राजनैतिक लोगों से, पुलिस व अन्य शासकीय अधिकारियों से उसका संपर्क था, अब उजागर नहीं हो पाएगा. पिछले 3-4 दिनों में विकास दुबे के 2 अन्य साथियों का भी एनकाउंटर हुआ है लेकिन तीनों एनकाउंटर का पैटर्न एक समान क्यों है?
बता दें कि दुबे को खून से लथपथ हालत में हैलट अस्पताल के आपातकालीन वार्ड में ले जाया गया. एसएसपी कानपुर दिनेश कुमार ने कहा कि डॉक्टरों ने विकास दुबे की मौत की पुष्टि की है.
रिपोर्ट्स के अनुसार, काफिला जैसे ही कानपुर के बर्रा पुलिस क्षेत्र में पहुंचा, वहां भारी बारिश के कारण सड़क पर वाहन स्किडिंग के बाद पलट गई. इसी गाड़ी में विकास बैठा था. इस हादसे में विकास सहित वाहन में सवार दो अन्य पुलिसकर्मी भी घायल हो गए.
घटना के बाद पलटे वाहन से जैसे ही विकास को बाहर निकाला गया, उसने कथित रूप से एसटीएफ टीम से पिस्तौल छीन ली और पुलिस पर गोली चलाने की कोशिश की. जवाबी गोलीबारी में वह बुरी तरह घायल हो गया और इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई.