नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना का शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री के बटन दबाते ही बिहार सहित 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इस योजना के तहत 1700 करोड़ रुपये के कार्यक्रम शुरू हो गए. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ई-गोपाला ऐप भी लॉन्च किया और कहा कि यह ऐप किसानों और पशुपालकों के बहुत काम आएगा. ऐप से पशुपालकों को तकनीकी जानकारी मिलेगी.


मोदी ने कहा, "अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे. यानि एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान."


उन्होंने कहा, "आज देश के 21 राज्यों में प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना का शुभारंभ हो रहा है. अगले 4-5 सालों में इस पर 20 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए जाएंगे. इसमें से आज 1700 करोड़ रुपए का काम शुरु हो रहा है. आज जितनी भी ये योजनाएं शुरू हुई हैं उनके पीछे की सोच ही यही है कि हमारे गांव 21वीं सदी के भारत, आत्मनिर्भर भारत की ताकत बनें, ऊर्जा बनें."


पशुपालकों से बात भी की
पीएम मोदी ने बिहार के पशुपालकों से बात भी की. मोदी ने इस दौरान बिहार में मछली पालन और पशुपालन क्षेत्रों में भी कई नई पहलों का भी शुभारंभ किया. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केन्द्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री गिरिराज सिंह ने भी कार्यक्रम में हिस्सा लिया.


दरअसल, प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना मत्स्य क्षेत्र पर केंद्रित योजना है, जिसे आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 2020-21 से वित्त वर्ष 2024-25 तक लागू किया जाना है. इस पर अनुमानित रूप से 20,050 करोड़ रुपये का निवेश होना है.


मत्स्य सम्पदा योजना के तहत, 20,050 करोड़ रुपये का निवेश मत्स्य क्षेत्र में होने वाला सबसे ज्यादा निवेश है. इसमें से लगभग 12,340 करोड़ रुपये का निवेश समुद्री, अंतदेर्शीय मत्स्य पालन और जलीय कृषि में लाभार्थी केन्द्रित गतिविधियों पर तथा 7,710 करोड़ रुपये का निवेश फिशरीज इन्फ्रास्ट्रक्च र के लिए प्रस्तावित है.


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