Saamana: 'अमित शाह को न दिया जाए गृह मंत्रालय', शिवसेना ने बताई TDP की मांग
PM Modi Oath Ceremony: नरेंद्र मोदी ने रविवार (9 जून) को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली.सामना के एडिटोरियल में बीजेपी पर जमकर हमला बोला गया है.
PM Modi Oath Ceremony: नरेंद्र मोदी ने रविवार (9 जून) को तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली. उनके अलावा उनके साथ 71 मंत्रियों ने भी शपथ ग्रहण की है. इसी बीच शिवसेना (उद्धव) के मुखपत्र 'सामना' में बीजेपी पर निशाना साधा गया है.
सामना के एडिटोरियल में बीजेपी पर निशाना साधते हुए लिखा गया है कि बहुमत खो चुकी भाजपा ने एनडीए का दामन थामकर सरकार बना ली है. वहीं, नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू को लेकर कई सवाल उठाए गए हैं.
तेलुगु देशम और जनता दल यूनाइटेड को है डर
सामना के एडिटोरियल में लिखा गया है कि तेलुगु देशम और जनता दल यूनाइटेड के मंत्रियों को शामिल किया गया है, लेकिन तेलुगु देशम की दो मुख्य मांगें हैं. इसमें एक अहम मांग यह है कि अमित शाह के पास गृह विभाग नहीं होना चाहिए और लोकसभा के स्पीकर का पद तेलुगु देशम के पास रहे. ये दोनों मांगें मोदी के नाक-कान काटने जैसी ही हैं. तेलुगु देशम को यह डर स्वाभाविक है कि सरकार स्थापित होते ही अमित शाह अपना पुराना खेल शुरू कर देंगे और संसद में तेलुगु देशम पार्टी को नष्ट कर देंगे. यही डर नीतिश कुमार को भी है इसलिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन का नेता ही लोकसभा का स्पीकर हो, ऐसी मांग जोरों में है. इसका मतलब यह है कि नई सरकार अविश्वास के आधार पर बन रही है.
पीएम मोदी का छिपा हुआ है स्वार्थ है
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए लिखा गया कि मोदी रालोआ के नेताओं को गले लगाने का नाटक कर रहे हैं, लेकिन इसके पीछे उनका स्वार्थ है. ये लोग भरोसा रखने लायक नहीं हैं, यही नीतिश और चंद्राबाबू को लगता है और यही सरकार की अस्थिरता पर मुहर है. बहुमत खो चुके मोदी ने शपथ समारोह का कार्यक्रम भव्यता से किया.
पीएम मोदी के हैं नकारात्मक विचार
पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए लिखा गया कि मोदी नकारात्मक विचारों के व्यक्तित्व हैं और दिन-रात उन्हीं नकारात्मक विचारों के जाल में उलझे रहते हैं. उनकी वाणी और विचारों में विष है और इस वजह से दस साल से देश में नकारात्मक ऊर्जा निर्माण हुई, इसे मानना ही होगा. मोदी और शाह को दूसरे का भला होता देखा नहीं देख जाता. ऐसे नकारात्मक विचार वाले लोग कभी भी देश और समाज का भला नहीं कर पाएंगे. देश पिछले दस वर्षों से इस नकारात्मक ऊर्जा का प्रकोप भुगत रहा है. नकारात्मक ऊर्जा देश में अशांति, भय, विवाद, झगड़े पैदा करती है. नकारात्मक ऊर्जा लोगों की सोचने-समझने की शक्ति को खत्म कर देती है. उन्हें बहरा और गूंगा बना देती है.