प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बांग्लादेश के 50वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर ढाका से संबोधित करते हुए शुक्रवार को कहा कि उनके लिए यह जीवन का अनमोल पल है. उन्होंने कहा कि मैं सभी भारतीयों की तरफ से आप सभी बांग्लादेश के नागरिकों को हार्दिक बधाई देता हूं. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी के इतिहास को याद करते हुए कहा कि बांग्लादेश की आजादी की लड़ाई को इंदिरा गांधी का योगदान सर्वविदित है.


पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के स्वाधीनता संग्राम को भारत का समर्थन प्राप्त था. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की आजादी हमारा पहला संघर्ष था, उस वक्त मैं करीब 20-22 साल का था. उन्होंने कहा कि कोई भी ताकत बांग्लादेश को गुलाम नहीं रख सकती है.


उन्होंने कहा कि आज मैं उन बहादुर भारतीय जवानों को सलाम करता हूं जिन्होंने 'मुक्तियुद्धो' में बांग्लादेश के भाई और बहनों के साथ खड़े हुए थे. मुझे इस बात की खुशी है कि कई भारतीय सैनिक जो उस वक्त बांग्लादेश के विभाजन में शामिल थे वे आज इस मौके पर मौजूद हैं.


'50वीं स्वतंत्रता दिवस पर बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को न्यौता'


उन्होंने कहा कि शेख मुजीबुर रहामान ने अपना जाना न्योछावर किया. पीएम मोदी ने कहा कि बांग्लादेश के 50 उद्यमियों को बांग्लादेश की आजादी की 50वीं  वर्षगांठ पर भारत आने का न्यौता देता हूं.


पीएम मोदी ने कहा कि मुझे खुशी है कि शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश अपना दमखम दिखा रहा है. उन्होंने कहा कि गरीबी, आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लिए बांग्लादेश और भारत की लड़ाई एक है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात का विश्वास है कि दोनों देश इससे पार पाएगा. ढाका में पीएम मोदी ने कहा कि यह भारतीयों के लिए गर्व का मौका है कि उन्हें शेख मुजीबुर रहमान को गांधी शांति पुरस्कार से सम्मानित करने का मौका मिला.


'दोनों देशों के पास लोकतंत्र की ताकत'


पीएम मोदी ने कहा कि भारत बहुत खुश है कि मेड इन इंडिया (कोविड-19) वैक्सीन का इस्तेमाल हमारे बांग्लादेश के भाई और बहन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि दोनों ही देशों के पास लोकतंत्र की ताकत और भविष्य की दूरदर्शिता है. यह क्षेत्र की जरूरत है कि भारत और बांग्लादेश एक साथ आगे बढ़े. इसलिए भारत और बांग्लादेश की सरकार इस दिशा में सार्थक प्रयास कर रही है.