नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना संकट के बीच सोमवार देश को संबोधित किया. अपने संबोधन में प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया के अनेक देशों की तरह भारत भी इस लड़ाई के दौरान बहुत बड़ी पीड़ा से गुज़रा है. उन्होंने कहा कि बीते 100 वर्षों में आई ये सबसे बड़ी महामारी है. ऐसी महामारी आधुनिक विश्व ने न देखी थी और न अनुभव की थी. इतनी बड़ी वैश्विक महामारी से हमारा देश कई मोर्चों पर एक साथ लड़ा है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि दुनिया से हर ज़रूरत की चीज़ों को लाया गया. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि कोरोना की दूसरी लहर से हम भारतवासियों की लड़ाई जारी है. भारत भी इस लड़ाई के दौरान बड़ी पीड़ा से गुजरा है. कई लोगों ने अपने परिजनों को, परिचितों को खोया है. ऐसे सभी परिवारों के साथ मेरी संवेदना है.
"पहले वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लगते थे"
वैक्सीनेशन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि वैक्सीन हमारे लिए सुरक्षा कवच की तरह है. आज पूरे विश्व में वैक्सीन के लिए जो मांग है, उसकी तुलना में उत्पादन करने वाले देश और वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां बहुत कम हैं. कल्पना करिए कि अभी हमारे पास भारत में बनी वैक्सीन नहीं होती तो आज भारत जैसे विशाल देश में क्या होता? उन्होंने कहा, "आप पिछले 50-60 साल का इतिहास देखेंगे तो पता चलेगा कि भारत को विदेशों से वैक्सीन प्राप्त करने में दशकों लग जाते थे. विदेशों में वैक्सीन का काम पूरा हो जाता था तब भी हमारे देश में वैक्सीनेशन का काम शुरू नहीं हो पाता था."
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि 2014 में देश में टीकाकरण की कवरेज 60 फीसदी थी, लेकिन उनके पिछले पांच-छह वर्षों में इसे बढ़ाकर 90 प्रतिशत कर दिया गया. उन्होंने कहा कि पोलियो की वैक्सीन हो, चेचक की वैक्सीन हो, हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन हो, इनके लिए देशवासियों ने दशकों तक इंतजार किया था.
"नीयत साफ होती है तो नतीजे भी मिलते हैं"
प्रधानमंत्री मोदी कम वक्त में वैक्सीन बनाने को बड़ी उपब्धि बताया. उन्होंने कहा, "हमारे देश के वैज्ञानिकों ने ये दिखा दिया कि भारत बड़े-बड़े देशों से पीछे नही है. आज जब मैं आपसे बात कर रहा हूं तो देश में 23 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है."
प्रधानमंत्री ने कहा कि जब नीयत साफ होती है, नीति स्पष्ट होती है, निरंतर परिश्रम होता है तो नतीजे भी मिलते हैं. हर आशंका को दरकिनार करके भारत ने एक साल के भीतर ही एक नहीं बल्कि दो मेड इन इंडिया वैक्सीन्स लॉन्च कर दी.