नीदरलैंड्स में भारतीयों के बीच बोले पीएम मोदी- पासपोर्ट का रंग बदलने से खून के रिश्ते नहीं बदलते
हेग/नई दिल्ली: चार दिनों के विदेश दौरे पर निकले पीएम मोदी आज अमेरिका से नीदरलैंड्स पहुंचे. यहां प्रधानमंत्री ने भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण की शुरूआत भोजपुरी भाषा में की. प्रधानमंत्री ने करीब तीन हजार भारतीयों को संबोधित करते हुए कहा, "का हाल बा?''
भारत के लोगों को आश्चर्य होगा- हेग में भारतीय में इतना दम है? नीदरलैंड्स के हेग में भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ''ये जो गूंज इस समय सुनाई दे रही है इसे देखकर भारत के लोगों को भी आश्चर्य होता होगा कि छोटे से हेग में भारतीय में इतना दम है? य़हां खासकर जो सूरीनाम के लोग हैं उनका मैं ह्रदय से आभार व्यक्त करना चाहता हूं. दुनिया में जहां-जहां भारतवाशी गए हैं. चाहे मॉरीशस हो या सूरीनाम, चार दशक से भी ज्यादा समय बीतने के बाद भी भारत की भाषा, परंपराओं को बना कर रखा है.''
जड़ों से जुड़े लोगों को हिलाया नहीं जा सकता प्रधानमंत्री ने कहा, ''लोहे का एक गोला कितना भी बड़ा क्यों ना हो उसे थोड़ा सा जोर लगाकर अपनी जगह से हटाया जा सकता है. लेकिन एक पेड़ जिसकी जड़ें जमीन में फैली हैं उसे हिलाया भी नहीं जा सकता. जड़ों से जुड़े रहने की ताकत क्या होती है ये मेरे सूरीनाम के भाइयों से सीख सकते हैं.''
पासपोर्ट का रंग बदलने से खून के रिश्ते नहीं बदलते प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "यहां रहने वाले लोगों के पासपोर्ट का रंग कोई भी हो लेकिन पासपोर्ट का रंग बदलने से खून के रिश्ते नहीं बदलते. मैं सभी भारतीयों से कहना चाहता हूं कि पासपोर्ट का रंग देखकर रिश्ते ना जोड़ें. हमारे पूर्वज एक ही हैं.''
आप सब लोग यहां राजदूत नहीं राष्ट्रदूत हैं प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "किसी भी दूसरे देश में एंबेसी होती है, एंबेस्डर होते हैं. अधिकारी होते हैं जिन्हें राजदूत कहते हैं. लेकिन आप सब लोग यहां राजदूत नहीं राष्ट्रदूत हैं.''
दुनिया के नेता मुझे देखकर आशचर्य करते हैं प्रधानमंत्री ने कहा, "दुनिया को भारत की विविधता देखकर आश्चर्य होता है. दुनिया कोई भी संप्रदाय हो पंथ हो उससे जुड़े लोग भारत में जरूर हैं. हमारे यहां 100 से ज्यादा भाषाएं हैं, अनेक बोलियां हैं इसे देखकर दुनिया को आश्चर्य होता है. जब मैं किसी दूसरे देश के नेता से 125 करोड़ भारतीयों का नेता हूं तो वो आश्चर्य से देखते हैं. उन्हें लगता है कि हम छोटा सा देश नहीं चला पा रहे और आप 125 करोड़ लोगों का देश चला रहे हैं.''
जनभागीदारी के बिना सरकार का कोई काम संभव नहीं प्रधानमंत्री ने कहा, ''लोकतंत्र में जनभागीदारी का बहुत महत्व होता है. सरकार कोई भी कार्यक्रम तय कर दे लेकिन जनभागीदारी के बिना संभव नहीं है. हमने शौचालय बनाने की बात की. लोगों ने एक साल में स्कूलों में बालिकाओं और बालकों के लिए अलग अलग शौचायलय बना दिए. चुनाव लोकतंत्र नहीं है यह लोकतंत्र का छोटा सा हिस्सा है. हमारी सरकार का लक्ष्य है कि जनभागीदारी बढ़े.''
अब कोई नहीं पूछता कि दाल के काम कैसे कम हो गए प्रधानमंत्री ने कहा, "जब सरकार बनी थी तब दाल के दाम बहुत बढ़े हुए थे. हर तरफ यही चर्चा होती थी, मोदी बताओ दाल के दाम कैसे कम होंगे. अब जब दाल के दाम कम हो गए हैं तब कोई नहीं पूछ रहा कि कीमतें कैसे कम हो गईं. हमने किसानों से अपील की कि दाल की पैदावार बढ़ाएं, उन्होंने करके दिखाया.''