भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के अधिकारियों के बीच सामरिक महत्व के भारत-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और समावेशी रखने के लिये चतुर्भुज गठबंधन को आकार देने के उद्देश्य से कल हुई बैठक के बाद दोनों नेताओं के बीच आज फिलीपीन की राजधानी में यह बैठक हुई.
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माना जाता है कि दोनों नेताओं ने परस्पर हितों के कई अन्य मुद्दों के साथ ही क्षेत्र में सुरक्षा परिदृश्यों पर चर्चा की. इसके साथ ही द्विपक्षीय व्यापार को बढ़ाने को लेकर भी दोनों नेताओं के बीच चर्चा हुई.
दक्षिण चीन सागर में चीन की बढ़ती आक्रामकता की पृष्ठभूमि में चतुर्भुज गठबंधन की पहल की गयी है. सामरिक महत्व के एशिया प्रशांत क्षेत्र में अमेरिका भारत के लिये बड़ी भूमिका की वकालत कर रहा है.
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप द्वारा ‘‘हिंद प्रशांत’’ शब्द के इस्तेमाल से इस आशंका को बल मिला कि इसका इस बात से लेना हो सकता है कि वाशिंगटन चीन को जवाब देने के लिये दरअसल अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया और भारत के तथा कथित चतुर्भुज सामरिक गठबंधन की भूमिका की तैयारी कर रहा है.
ट्रंप ने शनिवार को भारत की ‘‘अद्भुत’’ वृद्धि की तारीफ करने के साथ ही प्रधानमंत्री मोदी की भी प्रशंसा करते हुये कहा था कि वह इस विशाल देश और उसके लोगों को साथ लाने के लिये सफलतापूर्वक काम कर रहे हैं.
वियतनाम के दानांग शहर में एशिया प्रशांत आर्थिक सहयोग (एपेक) के वार्षिक शिखर सम्मेलन से इतर सीईओ के एक समूह को संबोधित करते हुये ट्रंप ने कहा था कि भारत एशिया प्रशांत के क्षेत्र में एक ऐसा देश है जो प्रगति कर रहा है.