National Unity Day: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (31 अक्टूबर) गुजरात के केवड़िया में सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती पर 'राष्ट्रीय एकता दिवस' परेड में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने आतंक के पनाहगारों को चेतावनी देते हुए कहा कि आतंक के आकाओं को देश छोड़ना होगा.
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा, मैं 'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर सभी देशवासियों को बहुत-बहुत बधाई देता हूं. इस बार का राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है. एक तरफ आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दीपावली का पावन पर्व है.
दिवाली की दी शुभकामानाएं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "मैं 'राष्ट्रीय एकता दिवस' पर सभी देशवासियों को बहुत बधाई देता हूं. इस बार का राष्ट्रीय एकता दिवस अद्भुत संयोग लेकर आया है. एक तरफ आज हम एकता का उत्सव मना रहे हैं, वहीं दूसरी ओर दीपावली का भी पावन पर्व है. दीपावली दीपों के माध्यम से पूरे देश को जोड़ती है, पूरे देश को प्रकाशमय कर देती है. अब तो दीपावली का पर्व भारत को दुनिया से भी जोड़ रहा है. अनेक देशों में इसे राष्ट्रीय उत्सव की तरह मनाया जा रहा है. मैं सभी को दीपावली की शुभकामनाएं देता हूं." उन्होंने कहा, "आज से सरदार पटेल का 150वां जन्मजयंती वर्ष शुरू हो रहा है. आने वाले 2 वर्षों तक देश सरदार पटेल की 150वीं जन्मजयंती का उत्सव मनाएगा. ये भारत के प्रति उनके असाधारण योगदान के प्रति देशवासियों की कार्यांजलि है."
'अलगाववादियों को नकार दिया गया है'
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने अलगाववादियों को नकार दिया है. अब आतंक के आकाओ को देश छोड़ना होगा. नक्सलवाद भारत की एकता के लिए चुनौती बन गया था और आज नक्सलवाद भारत में अंतिम सांस ले रहा है. आज भारत के पास दिशा भी है और दृष्टि भी है. दुनिया के देश भारत से निकटता बढ़ा रहे हैं. दशकों पुरानी चुनौती को हमने समाप्त कर दिया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "बीते 10 वर्ष का कालखंड भारत की एकता और अखंडता के लिए अभूतपूर्व उपलब्धियों से भरा रहा है. आज सरकार के हर काम, हर मिशन में राष्ट्रीय एकता की प्रतिबद्धता दिखती है."
वन नेशन, वन इलेक्शन पर भी दिया बयान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "अब हम वन नेशन, वन इलेक्शन पर काम कर रहे हैं जो भारत के लोकतंत्र को मजबूती देग.और देश विकसित भारत के सपने को पार करने में और नई गति प्राप्त करेगा, समृद्धि प्राप्त करेगा."
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "आतंकवादियों के 'आकाओं' को अब पता है कि भारत को नुकसान पहुंचाया तो भारत उन्हें नहीं छोड़ेगा. पूर्वोत्तर ने कई चुनौतियों का सामना किया लेकिन हमने संवाद, विश्वास और विकास के जरिए अलगाव की आग को शांत किया है. बीते 10 सालों के अथक प्रयासों से आज नक्सलवाद भी भारत में अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है.