Cyclone Jawad: चक्रवाती तूफान 'जवाद' से बनी स्थिति को लेकर पीएम मोदी ने की बैठक, आंध्र से ओडिशा तक मौसम विभाग का अलर्ट
PM Modi Meeting: भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने एनसीएमसी को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव वाले क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी.
PM Meeting on Cyclone-Related Situation: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में चक्रवाती तूफान जवाद को लेकर बनी स्थिति को पर बैठक अध्यक्षता की. इससे पहले, जवाद तूफान के चलते रलवे ने कई ट्रेनों को रद्द कर दिया. तो वहीं, कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता वाली राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने बुधवार को बंगाल की खाड़ी में आसन्न चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा के लिए बैठक की, जिसके आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पश्चिम बंगाल को प्रभावित करने की आशंका है.
देश के शीर्ष नौकरशाह ने विभिन्न केंद्रीय और राज्य एजेंसियों को ‘‘किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान से बचने और संपत्ति, बुनियादी ढांचे और फसलों को कम से कम नुकसान पहुंचने देने’’ का निर्देश दिया. केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘कैबिनेट सचिव ने इस बात पर भी जोर दिया कि राज्य सरकारों को यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करने चाहिए कि मछुआरों और समुद्र में सभी नौकाओं को तुरंत वापस बुला लिया जाए और चक्रवाती तूफान से प्रभावित क्षेत्रों से लोगों को जल्द से जल्द निकाला जाए.’’
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के महानिदेशक ने एनसीएमसी को बंगाल की खाड़ी में एक कम दबाव वाले क्षेत्र की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी, जिसके तीन दिसंबर तक एक चक्रवाती तूफान में तब्दील होने की आशंका है. बयान में कहा गया है, ‘‘इसके चार दिसंबर की सुबह तक आंध्र प्रदेश और ओडिशा के तटों को पार करने की उम्मीद है, जिसमें हवा की गति 90 किलोमीटर प्रति घंटे से 100 किलोमीटर प्रति घंटे के साथ होगी, साथ ही भारी वर्षा होने की भी आशंका है.’’
बयान में कहा गया है, ‘‘चक्रवाती तूफान के आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम, विशाखापत्तनम और विजयनगरम और ओडिशा के तटीय जिलों को प्रभावित करने की आशंका है. इसके साथ ही तटीय क्षेत्रों और पश्चिम बंगाल के भागों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने की आशंका है.’’ बैठक में बताया गया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने इन राज्यों में 32 टीमों को तैनात किया है और अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा जा रहा है. थल सेना और नौसेना के बचाव दल जहाजों और विमानों के साथ जरूरत पड़ने पर तैनाती के लिए तैयार हैं. गौबा ने ‘‘राज्य सरकारों को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां तैयार हैं और सहायता के लिए उपलब्ध होंगी.’’
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