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'न्यू इंडिया' विजन पर काम के लिए पीएम मोदी ने नये चेहरों को चुना: सूत्र
प्रधानमंत्री नये भारत के अपने विजन के लिए प्रतिबद्ध हैं जो विकास और सुशासन पर आधारित होगा जिसमें गरीबों, हाशिये के लोगों और समाज के वंचित तबके का विशेष ख्याल रखा जाएगा.
नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिपरिषद में नये नामों का चयन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ऊर्जा, दक्षता, पेशेवर तथा राजनीतिक कार्यकुशलता को ध्यान में रखकर किया है ताकि 'न्यू इंडिया' नये भारत के विजन पर वे काम कर सकें. यह जानकारी शनिवार रात आधिकारिक सूत्रों ने दी.
सूत्रों ने बताया कि अपनी टीम के सदस्यों को उन्होंने गुण और भविष्य की क्षमता के आधार पर चुना है. उन्हें महत्वपूर्ण मंत्रालयों का प्रभार दिया जाएगा खासकर यह ध्यान में रखते हुए कि लोगों को सीधे तौर पर सेवा दी जा सकें.
सूत्रों ने कहा कि प्रधानमंत्री नये भारत के अपने विजन के लिए प्रतिबद्ध हैं जो विकास और सुशासन पर आधारित होगा जिसमें गरीबों, हाशिये के लोगों और समाज के वंचित तबके का विशेष ख्याल रखा जाएगा.
सूत्रों के मुताबिक 9 चेहरे नए कैबिनेट मंत्री के तौर पर शपथ लेने वाले हैं.
नरेंद्र शेखावत, आरके सिंह, गजेंद्र शेखावत, अनंत कुमार हेगड़े सहित 9 लोगों को मोदी कैबिनेट में जगह मिल सकती है.
बिहार से लोकसभा सांसद अश्विनी चौबे को भी मंत्री पद मिल सकता है. अश्विनी चौबे बिहार सरकार में 8 सालों तक कैबिनेट मंत्री रहे हैं. बक्सर बिहार से लोकसभा सांसद हैं और इमरजेंसी के दौरान इन्हें जेल भी भेजा गया था. पटना यूनिवर्सिटी से बी.ए. ऑनर्स (जुलॉजी) की डिग्री ली हुई है.
हरदीप सिंह पूर्व आईएफएस अधिकारी (1974 बैच) रहे हैं. विदेश नीति और राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में इनका अच्छा खासा अनुभव है. ये दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिंदू कॉलेज के छात्र रह चुके हैं. हरदीप जेपी मूवमेंट के दौरान भी सक्रिय रहे हैं और आईएफएस बनने से पहले दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में पढ़ा भी चुके हैं.
राजकुमार सिंह आरा (बिहार) से लोकसभा सांसद हैं. ये पूर्व आईएएस अधिकारी (1975 बैच) रह चुके हैं. आर के सिंह सेंट स्टीफेंस कॉलेज के छात्र रह चुके हैं. इनके पास लॉ की स्नातक डिग्री भी है. आर सिंह लालकृष्ण आडवाणी को गिरफ्तार करने बाद काफी चर्चा में आए थे.
सत्यपाल सिंह यूपी के बागपत से फिलहाल लोकसभा सांसद हैं. ये 1980 बैच के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं. ये मुंबई, नागपुर और पुणे के कमिश्नर ऑफ पुलिस रह चुके हैं.
शिव प्रताप शुक्ला का नाम भी संभावित मंत्रियों में शामिल है. ये उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद हैं. इन्होंनें यूपी सरकार में 8 सालों तक कैबिनेट मंत्री के तौर पर कार्य किया है. शिव प्रताप शुक्ला गोरखपुर के कॉलेज से लॉ ग्रेजुएट हैं.
मध्य प्रदेश के वीरेंद्र कुमार को भी कल कैबिनेट मंत्री का पद मिल सकता है. ये भी जेपी मूवमेंट में सक्रिय रहे और MISA के दौरान 16 महीने जेल में बिताए हैं. इन्होनें अर्थशास्त्र में एम.ए. की डिग्री हासिल की है. साथ ही चाइल्ड लेबर में पीएचडी डिग्री होल्डर हैं.
अल्फोंज कन्ननथनम को भी मंत्री बनाया जा सकता है. ये 1979 बैच के आईएएस अधिकारी रह चुके हैं. वहीं डीडीए के कमिश्नर रह चुके हैं. 'मेकिंग ए डिफरेंस' इनकी बेस्टसेलर किताब रही है.
माना जा रहा है कि नए मंत्रियों की तैनाती 2019 में होने वाले लोकसभा चुनावों की तैयारियों के मद्देनजर की जाने वाली है.
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