प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में बुधवार को प्राइवेट सेक्टर का बचाव किया और कहा कि उसे गाली देना उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर देश के लिए पब्लिक सेक्टर जरूरी है तो प्राइवेट सेक्टर भी उतना ही जरूरी है. पीएम ने कहा कि सरकार ने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित किया तो नतीजा ये हुआ कि आज गरीब से गरीब लोगों तक मोबाइल पहुंच रहा है. उन्होंने कहा कि टेलीकॉम प्रतिस्पर्धा के चलते ही दुनिया में आज सबसे सस्ता डेटा दुनिया में भारत में ही उपलब्ध है. इनमें प्राइवेट उद्यमी का सबसे बड़ा रोल है.


पीएम बोले- सबकुछ बाबू ही करेंगे क्या?


पीएम मोदी ने कहा कि हमें हमारे नौजवानों पर भरोसा रखने की जरूरत है. आज दुनिया बदल चुकी है. ऐसे में उनके लिए गंदी भाषा का इस्तेमाल करना यह उचित नहीं है. उन्होंने कहा कि वेल्थ क्रिएटर भी जरूरी होता है. पीएम ने कहा कि सबकुछ बाबू ही करेंगे क्या. पीएम ने कहा कि जितना ज्यादा नौजवानों को जिम्मेदारी देंगे उतना ज्यादा देश का विकास होगा.





प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर के खिलाफ बोलकर अतीत में हो सकता है कि वोट मिला हो लेकिन वे समय अब बीत चुका है. अब प्राइवेट सेक्टर को गाली देने की संस्कृति स्वीकार्य नहीं है. हम अपने युवाओं को इस तरह से अपमान नहीं कर सकते हैं.

भोजपुरी में बोले पीएम मोदी


नए कृषि कानूनों पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जिन लोगों ने देश को इतने साल तक चलाया, ऐसा नहीं है कि उन्हें किसानों की समझ नहीं थी. पीएम मोदी ने शरद पवार के एक पुराने बयान का हवाला देते हुए कहा कि वे आज एकदम से उल्टी बात कर रहे हैं.


प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि जब पवार से सवाल पूछा गया तो मंडियों में मिलीभगत को लेकर तो पवार ने उस समय कहा था कि किसानों को बचाव के लिए ही एपीएमसी एक्ट को प्रमोट किया जा रहा है. पीएम मोदी ने हम विकासशील राजनीति में विश्वास करते हैं. उसके बाद पीएम ने भोजपूरी कहावत का जिक्र करते हुए कहा-  ना खेलब ना खेले देब, खेलवे बिगाड़ब. यानी ना खेलूंगा ना खेलने दूंगा बल्कि खेल को ही बिगाड़ कर रख दूंगा. अब पीएम ने फिर से अपना वीडियो ट्वीट किया और वही बात दोहराई है.





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