नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को राजघाट के नजदीक स्थित ‘राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र’ का उद्घाटन किया. महात्मा गांधी को समर्पित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र (आरएसके) की प्रधानमंत्री ने सबसे पहले घोषणा 10 अप्रैल 2017 को महात्मा गांधी के चम्पारण ‘सत्याग्रह’ के 100 वर्ष पूरे होने के मौके पर की थी. यह स्वच्छ भारत मिशन पर एक परस्पर संवादात्‍मक (इंटरैक्टिव) अनुभव केंद्र होगा.


आरएसके पहुंचने के बाद प्रधानमंत्री ने वहां स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की और केंद्र का अवलोकन किया. आरएसके में स्थित सभागार में प्रधानमंत्री ने ‘दर्शक 360 डिग्री’ का अनूठा ऑडियो-विजुअल कार्यक्रम देखा, जिसमें भारत की स्वच्छता की कहानी यानी दुनिया के इतिहास में लोगों की आदतों में बदलाव लाने वाले सबसे बड़े अभियान की यात्रा दिखाई गई.


पीएम मोदी ने इस मौके पर कहा कि महात्मा गांधी का अभियान था- अंग्रेजों भारत छोड़ो, हम लोग अभियान चला रहे हैं- गंदगी भारत छोड़ो. उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर भारत में स्वच्छता पर बहुत ध्यान दिया जाता है. इस क्षेत्र में स्वच्छता की परंपरा है.


इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा, “मुझे खुशी है कि कोविड-19 के प्रसार को नियंत्रित करने के लिए हम सभी, यहां मौजूद बच्चे सहित सभी लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कर रहे हैं और मास्क पहन रहे हैं.’’


अपने संबोधन में पीएम मोदी ने कहा, “पिछले साल देश के सभी गांवों ने अपने आप को खुले में शौच मुक्त घोषित किया था. इस सफलता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे स्वच्छता चैंपियन बहुत बड़ी भूमिका निभाने वाले हैं. शहर से लेकर गांव तक, स्कूल से लेकर घर तक आप ही बड़ों को रास्ता दिखा सकते हैं कि वह साफ-सफाई का ध्यान रखें.''


इसके साथ ही उन्होंने कहा, “आज का दिन बहुत ऐतिहासिक है. देश की आजादी में आज की तारीख का बहुत बड़ा योगदान है. आज के ही दिन 1942 में गांधी जी की अगुवाई में आज़ादी के लिए एक विराट जन आंदोलन शुरू हुआ था अंग्रेजों भारत छोड़ो का नारा लगा था.''


प्रधानमंत्री ने कहा कि ऐसे ऐतिहासिक दिवस पर राजघाट के समीप राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का लोकार्पण अपने आप में बहुत प्रासंगिक है. ये केंद्र बापू के स्वच्छाग्रह के प्रति 130 करोड़ भारतीयों की श्रद्धांजलि है, कार्यांजलि है.


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