पीएम मोदी पहुंचें वायनाड, भूस्खलन प्रभावित इलाकों का किया दौरा, पीड़ितों से मिलकर जाना उनका दर्द
PM Modi Wayanad Visit: पीएम मोदी दोपहर 12:15 बजे भूस्खलन से प्रभावित जमीनी स्थानों का दौरा करने पहुंचे. यहां उन्होंने बचाव दलों से वर्तमान में चल रहे रेस्क्यू वर्क के बारे में जानकारी ली.
PM Narendra Modi Wayanad Visit: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार (10 अगस्त 2024) को केरल पहुंचे. पीएम सुबह करीब 11:20 बजे कन्नूर हवाई अड्डे पर पहुंचे. यहां राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उनका स्वागत किया. पीएम यहां से वायनाड पहुंचे और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति का जायजा लेते हुए क्षेत्र में चल रहे राहत और पुनर्वास प्रयासों का आकलन किया. प्रधानमंत्री इस दौरान भूस्खलन के पीड़ितों से अस्पतालों और राहत शिविरों में जाकर भी मिले.
विपक्ष के नेता राहुल गांधी, जो वायनाड के पूर्व सांसद हैं, ने वायनाड का दौरा करने का फैसला करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद अदा किया. उन्होंने यह भी उम्मीद जताई कि इस दौरे के बाद प्रधानमंत्री वायनाड भूस्खलन को "राष्ट्रीय आपदा" घोषित करेंगे.
राहुल गांधी ने बताया अच्छा निर्णय
गांधी ने शुक्रवार रात को एक्स पर पोस्ट किया, "भयानक त्रासदी का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने के लिए... वायनाड आने के लिए मोदी जी का धन्यवाद. यह एक अच्छा निर्णय है. मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री तबाही की गंभीरता को पहली बार देखेंगे, तो वे इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे."
ऐसा था पूरा शेड्यूल
- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार, 10 अगस्त को सुबह 11 बजे केरल के कन्नौर पहुंचें. वहां से वे वायनाड निकले और भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया.
- इसके बाद, मोदी दोपहर 12:15 बजे भूस्खलन से प्रभावित जमीनी स्थानों का दौरा किया. उन्होंने बचाव दलों से वर्तमान में चल रहे निकासी अभियानों के बारे में जानकारी ली.
- इसके बाद प्रधानमंत्री राहत शिविर और अस्पताल पहुंचे, जहां भूस्खलन से बचे लोग वर्तमान में पुनर्वास की मांग कर रहे हैं.
400 लोगों की हो चुकी है मौत
बता दें कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी के वायनाड दौरे की घोषणा की थी. उन्होंने उम्मीद जताई है कि केंद्र सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा और गंभीर आपदा घोषित करेगी. 30 जुलाई को वायनाड के चूरलमाला और मुंडक्कई में हुए भीषण भूस्खलन ने व्यापक तबाही मचाई. भूस्खलन में 400 से ज़्यादा लोगों की जान चली गई, जबकि 150 लोग अभी भी लापता हैं.