पीएम मोदी का बनारस में विपक्ष पर निशाना, कहा- MSP के नाम पर किया गया किसानों से छल

एबीपी न्यूज़ Updated at: 30 Nov 2020 03:24 PM (IST)

पीएम मोदी ने कहा कि आस्था से जुड़ी जगह हो या फिर किसी काम की, लोग आने-जाने से पहले ये जरूर देखते हैं कि वहां पर आना-जाना कितना आसान है.

उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में काशी की सुंदरी के साथ यहां की कनेक्टिविटी पर जो काम हुआ वह अब दिख रहा है वो चाहे फ्लाइओवर की बात हो या चौड़ीकरण है. उन्होंने कहा कि जितना काम बनारस के आसपास अभी हो रहा है उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ.

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नए कृषि कानूनों को लेकर लगातार हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए किसानों को बरगलाने और उनका वर्षों तक छल करने का आरोप लगाया। देव दीपवली पर वाराणसी में आयोजित एक जनसभा के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि छोटे से छोटा किसान भी मंडी से बाहर हर सौदे को लेकर कानूनी कार्रवाई कर सकता है. यानी, किसानों को अब नए विकल्प मिले हैं और धोखे से उसे बचाने के लिए कानूनी संरक्षण भी मिला है. उन्होंने कहा कि नए विकल्प से ही कृषि क्षेत्र का कायाकल्प हो सकता है. पीएम मोदी ने कहा कि विरोध का आधार भ्रम फैलाकर किया है. उन्होंने कहा कि ये वही लोग है जिन्होंने किसानों के साथ वर्षों तक छल किया है.


पीएम मोदी ने कहा कि एमएसपी पर किसानों के साथ वर्षों तक छल किया गया. किसानों के नाम पर कर्जमाफी को लेकर छल किया गया. किसानों के नाम पर बड़ी-बड़ी योजनाएं घोषित होती थी लेकिन वो पैसा पहुंचता ही नहीं था. उन्होंने कहा कि भ्रम को आधार बनाकर दुष्प्रचार फैलाया गया कि ऐसा हो सकता है, वैसा हो सकता है.


2014 के बाद एमएसपी पर हुई रिकॉर्ड खरीददारी

पीएम मोदी ने कहा कि किसानों के बैंक खाते तक पैसे पहुंचे उसका हमने प्रबंध किया. उन्होंने कहा कि अगर दाल की पॉलिसी की बात करें तो 2014 से पहले के 5 सालों में 650 करोड़ की ही दाल MSP पर खरीदी गई थी, लेकिन हमने पांच सालों में करीब 49,000 करोड़ यानी करीब 50 हजार करोड़ की दालें एमएसपी पर खरीदी है. यानी, 75 गुणा की बढ़ोतरी हुई है.


उन्होंने कहा कि 2014 से पहले के पांच वर्षों के दौरान यानी यूपीए-2 के दौरान एमएसपी की दरों पर 2 लाख करोड़ की धान की खराददारी की गई. जबकि, 2014 के बाद पांच वर्षों के दौरान 5 लाख करोड़ की एमएसपी रेट पर धान की खराददारी की गई. पीएम ने कहा कि 2014 से पहले के पांच वर्षों के दौरान यूपीए-2 सरकार में किसानों को MSP रेट गेंहूं का मात्रा डेढ लाख करोड़ रुपये मिला, जबकि 2015 के बाद पांच वर्षों के दौरान तीन लाख करोड़ रूपये की एमएसपी पर खरीद की गई, जो की दोगुनी है.


कनेक्टिविटी के विस्तार से होता है किसानों को लाभ


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देव दीपवली के मौके पर सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी का दौरा कर 6 लाइन के हाइवे का लोकर्पण किया. इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि इस हाइवे के चौड़ा होने से काशी और प्रयाग के बीच का आना-जाना अब और आसान हो गया है. उन्होंने कहा का कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों और क्षेत्र के लोगों को जो परेशानी होती थी अब वह भी समाप्त हो जाएगा। इतना ही नहीं, इसका लाभ कुंभ के दौरान भी मिलेगा.


पीएम मोदी ने कहा कि आस्था से जुड़ी जगह हो या फिर किसी काम की, लोग आने-जाने से पहले ये जरूर देखते हैं कि वहां पर आना-जाना कितना आसान है. उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में काशी की सुंदरी के साथ यहां की कनेक्टिविटी पर जो काम हुआ वह अब दिख रहा है वो चाहे फ्लाइओवर की बात हो या चौड़ीकरण है. उन्होंने कहा कि जितना काम बनारस के आसपास अभी हो रहा है उतना आजादी के बाद कभी नहीं हुआ.



जब किसी क्षेत्र में आधुनिक कनेक्टिविटी का विस्तार होता है, तो इसका बहुत लाभ हमारे किसानों को होता है। बीते वर्षों में ये प्रयास हुआ है कि गांवों में आधुनिक सड़कों के साथ भंडारण, कोल्ड स्टोरेज की व्यवस्थाएं खड़ी की जाएं। इसके लिए 1 लाख करोड़ रुपए का फंड भी बनाया गया है. - प्रधानमंत्री मोदी ने कहा


अपने लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी के एकदिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को हंडिया-राजा तालाब खंड के छह-लेन चौड़ीकरण कार्य का लोकार्पण किया. कोविड—19 महामारी के बीच पहली बार काशी आये प्रधानमंत्री ने खजूरी गांव में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-दो के हंडिया-राजा तालाब खंड का छह-लेन चौड़ीकरण कार्य राष्ट्र को समर्पित किया.


गौरतलब है कि हंडिया-राजा तालाब मार्ग का चौड़ीकरण एक बेहद महत्वपूर्ण परियोजना है, जो दो प्राचीनतम एवं पवित्र नगरों-प्रयाग (प्रयागराज) तथा काशी (वाराणसी) को आपस में जोड़ती है. यह राजमार्ग स्वर्णिम चतुर्भुज परियोजना-एक (दिल्ली-कोलकाता गलियारे) का भी प्रमुख भाग है. पूर्व में, प्रयागराज से वाराणसी के बीच यात्रा में लगभग साढ़े तीन घंटे का समय लगता था. इस परियोजना के कारण यह दूरी मात्र डेढ़ घंटे में पूरी की जा सकेगी.


आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक गत दो नवम्बर को पूरी हुई कुल 72.644 किलोमीटर की इस परियोजना की लागत 2,447 करोड़ रुपए है. प्रधानमंत्री ने इससे पहले, इसी माह डिजिटल माध्यम से वाराणसी की 614 करोड़ रुपए की विभिन्न परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया था.


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