तीन तलाक बिल: देश के लिए ऐतिहासिक दिन, कुप्रथा को इतिहास के कूड़ेदान में डाला गया- पीएम मोदी
बिल पास होने से पहले ही जेडीयू और एआईएडीएमके के सदस्यों ने इससे विरोध जताते हुए सदन से वॉकआउट किया. राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से इसे पारित कर दिया.
नई दिल्ली: संसद ने मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देने की प्रथा पर रोक लगाने के प्रावधान वाले एक ऐतिहासिक विधेयक को मंगलवार को मंजूरी दे दी. इससे पहले राज्यसभा में लंबी बहस चली. बहस के बाद बिल को सेलेक्ट कमेटी के पास भेजे जाने की मांग पर वोटिंग हुई. लेकिन सरकार को जीत मिली. राज्यसभा ने 84 के मुकाबले 99 मतों से पारित कर दिया. लोकसभा इसे पहले ही पारित कर चुकी है. अब इसे लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुशी जाहिर की है.
पीएम मोदी ने ट्वीट करते हुए लिखा, ''एक पुरातन और मध्यकालीन प्रथा आखिरकार इतिहास के कूड़ेदान तक ही सीमित हो गई है! संसद ने ट्रिपल तालक को समाप्त कर दिया और मुस्लिम महिलाओं के लिए की गई ऐतिहासिक गलती को सही किया. यह जेंडर जस्टिस की जीत है और इससे समाज में समानता आएगी. आज भारत खुश है.''
An archaic and medieval practice has finally been confined to the dustbin of history!
Parliament abolishes Triple Talaq and corrects a historical wrong done to Muslim women. This is a victory of gender justice and will further equality in society. India rejoices today! — Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2019
मोदी ने आगे कहा कि ''पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है. आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है. सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है. इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं.''
पूरे देश के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है। आज करोड़ों मुस्लिम माताओं-बहनों की जीत हुई है और उन्हें सम्मान से जीने का हक मिला है। सदियों से तीन तलाक की कुप्रथा से पीड़ित मुस्लिम महिलाओं को आज न्याय मिला है। इस ऐतिहासिक मौके पर मैं सभी सांसदों का आभार व्यक्त करता हूं।
— Narendra Modi (@narendramodi) July 30, 2019
प्रधानमंत्री ने कहा, ''तीन तलाक बिल का पास होना महिला सशक्तिकरण की दिशा में एक बहुत बड़ा कदम है. तुष्टिकरण के नाम पर देश की करोड़ों माताओं-बहनों को उनके अधिकार से वंचित रखने का पाप किया गया. मुझे इस बात का गर्व है कि मुस्लिम महिलाओं को उनका हक देने का गौरव हमारी सरकार को प्राप्त हुआ है.
तीन तलाक बिल में क्या है? इस विधेयक में तीन तलाक की प्रथा को शून्य और अवैध घोषित करने का और ऐसे मामलों में तीन साल तक के कारावास से और जुर्माने से दंडनीय अपराध और प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय अपराध घोषित करने का प्रस्ताव है. यह भी प्रस्ताव किया गया था कि विवाहित महिला और आश्रित बालकों को निर्वाह भत्ता प्रदान करने और साथ ही अवयस्क संतानों की अभिरक्षा के लिए भी उपबंध किया जाए. विधेयक अपराध को संज्ञेय और गैरजमानती बनाने का उपबंध भी करता था. इसमें मजिस्ट्रेट द्वारा जमानत देने की बात कही गई है.
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