प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहुंचे वाशिंगटन, आज दिन भर इन लोगों के साथ करेंगे अलग-अलग बैठक
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की राजधानी वाशिंगटन पहुंच चुके हैं. पीएम मोदी आज दिन भर इन अलग-अलग महत्वपूर्ण लोगों के साथ बैठक करेंगे.
वाशिंगटनः प्रधानमंत्री वॉशिंगटन पहुंच चुके हैं. उनके अमेरिका के चार दिवसीय दौरे की शुरुआत बेहद महत्वपूर्ण बैठके साथ होने वाली है. बुधवार की शाम सबसे पहले वह दुनिया की बड़ी कंपनियों के सीईओ से मुलाकात करेंगे. ये कंपनियां सूचना प्रोध्योगिकी, तकनीकी, मानवरहित विमान, ड्रोन, ऊर्जा क्षेत्र और इक्यूटी निवेश से जुड़ी हुई हैं. माना जाता है कि भारत के विकास में ये कंपनियां महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं. प्रधानमंत्री क्वॉल्काम कंपनी के सीईओ क्रिस्टियानो आमोन से भी मुलाक़ात करेंगे जो 5G तकनीक, सिस्टम सर्किट और वायरलेस तकनीक के क्षेत्र में काफी बड़ी कंपनी है.
कंपनियों के सीईओ के साथ होने वाली इस बैठक में पीएम मोदी के साथ अडोबी की शान्तनु नारायण, फ़र्स्ट सोलर के मार्क आर विडमार, जनरल एटॉमिक्स के नील ब्लू और ब्लैक स्टोन के स्टीफन एलन श्वार्ज़मैन भी भाग लेंगे. इस बैठक के दौरान पीएम मोदी इन निवेशकों को भारत आने का न्योता दे सकते हैं.
आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री से करेंगे मुलाकात
इसके बाद पीएम मोदी आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कोट मोरिसन के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे. भारत और आस्ट्रेलिया 'क्वाड' का भी हिस्सा हैं. भारत और आस्ट्रेलिया सुरक्षा के क्षेत्र पर मेरीटाइन सिक्यरिटी और इंटेलिजेंस शेयरिंग के मुद्दे पर गहरी साझेदारी से जुड़े हैं. ये सभी देश अब चीन के बढ़ते विस्तारवादी सोच को रोकने के लिए एकजुट हैं.
इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाक़ात अमेरिका की उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से होगी. राष्ट्रपति जो बाइडन की मुलाक़ात से पहले इसे औपचारिक मुलाक़ात माना जा रहा है. हालांकि कमला हैरिस के भारतवंशी होने के नाते दोनों के बीच यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है.
जापान के प्रधानमंत्री के साथ बैठक
शाम होते-होते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बैठक जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सूगा से होगी. जापान भी क्वाड का हिस्सा है. इन मुलाक़ातों के दौरान भारत और संबंधित देशों के साझा मुद्दों के अतिरिक्तत कोविड के हालात, वैक्सीन नीति, अफगानिस्तान के हालात और तालिबान की नॉन इंक्लूसिव सरकार, चीन की दादागिरी और पाकिस्तान को तालिबान और आतंक को समर्थन जैसे मुद्दे शामिल होगे. उम्मीद है कि इन द्विपक्षीय बैठकों में भारत अपने हित और क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए आतंक के ख़िलाफ़ और देशों की विस्तारवाद पर नकेल कसने के वैकल्पिक रास्तों पर सहमति बनाने में सफल होगा.
जम्मू-कश्मीर: मंदिर के गार्ड ने आतंकवादी समझकर पुलिसकर्मी पर चलाई गोली, हुई मौत