‘फेक करेंसी, टेरर फंडिंग’, जानें SC में नोटबंदी पर केंद्र ने क्या कहा और 2016 में क्या बोले थे पीएम मोदी
Demonetization In India: 6 साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी.
Demonetisation: नोटबंदी (Demonetisation) का एलान होने के बाद से ही यह एक विवादित मुद्दा रहा है. इसे लेकर विपक्ष अब तक केंद्र की मोदी सरकार को घेरे हुए है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी का एलान करते समय यह साफ किया था कि इसके पीछे का क्या मकसद है. उन्होंने कहा था इसका मकसद कालेधन का सफाया करना और नकली नोटों का उन्मूलन करना है. वहीं, इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में बीते दिन (16 सितंबर) हुई सुनवाई में केंद्र ने कहा कि यह टैक्स चोरी रोकने और कालेधन पर लगाम लगाने के लिए लागू की गई सोची-समझी योजना थी.
सरकार ने यह दावा भी किया है कि नोटबंदी का फैसला उसका अकेले का नहीं था. इसे काफी चर्चा और तैयारी के बाद लागू किया गया था. इसकी सिफारिश रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड ने की थी. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में बचाव करते हुए कहा कि नकली नोटों की समस्या से निपटना और आतंकवादियों की फंडिंग को रोकना भी इसका मकसद था. इस योजना को बहुत सोच विचार कर लागू किया गया था और उससे पहले काफी तैयारी की गई थी. पूरे मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 24 नवंबर को होनी है.
नोटबंदी पर क्या बोले थे पीएम मोदी
"भाइयों बहनों, मैंने सिर्फ देश से 50 दिन मांगे हैं. 30 दिसंबर तक मुझे मौका दीजिए मेरे भाइयों बहनों. अगर 30 दिसंबर के बाद कोई कमी रह जाए, कोई मेरी गलती निकल जाए, कोई मेरा गलत इरादा निकल जाए. आप जिस चौराहे पर मुझे खड़ा करेंगे, मैं खड़ा होकर.. देश जो सजा देगा वो सजा भुगतने को तैयार हूं." उन्होंने यह बात नोटबंदी के ठीक पांच दिन बाद गोवा में एक एयरपोर्ट के शिलान्यास के दौरान कही थी.
नोटबंदी के बाद बदल गया था देश का माहौल
दरअसल, 6 साल पहले 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी. नोटबंदी के बाद देश का माहौल पूरी तरह से बदल गया था. बैंकों के बाहर लंबी कतारें देखी गईं. एलान के बाद लोगों का एक ही मकसद था अपने पास रखे 500 और 1000 के नोटों को बैंक अकाउंट तक पहुंचाना या उन्हें खर्च करना.
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