गुजरात: विकास के कामों को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि अगर ऐसे कामों को लेकर राजनीति होती है, तो उसका खमियाजा देश और जनता को उठाना पड़ता है. ये बात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के केवड़िया में 71 वें संविधान दिवस के मौके पर आयोजित किए गए कार्यक्रम के दौरान कही. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि ऐसे अड़ंगों से विकास के काम में देरी तो होती ही है, दूसरा उस देरी की वजह से कीमत बढ़ने से जनता के पैसे की बर्बादी भी होती है.


क्योंकि कार्यक्रम गुजरात के केवड़िया में हो रहा था, जहां पर सरदार वल्लभभाई पटेल का स्टैच्यू ऑफ यूनिटी बनाया गया है, लिहाजा प्रधानमंत्री ने स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के पास ही बनें सरदार सरोवर बांध का जिक्र करते हुए कहा कि इस बांध को बनाने का काम 1962 में शुरू हुआ था, लेकिन किसी ना किसी अड़चन के चलते मामला अटका रहा और इसकी वजह से जो बांध कुछ सालों के भीतर बन कर तैयार हो जाना चाहिए था उसको बनाने में 55 साल तक का वक्त लग गया. गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2017 में इस बांध का उद्घाटन किया था.


प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर बांध का जिक्र करते हुए यह बताने की कोशिश की है कि किस तरह से अगर विकास के कामों पर राजनीति होती है, तो उससे देश के लोगों का भी नुकसान होता है. साथ ही ऐसी राजनीति की वजह से विकास के काम में भी अड़चन पड़ जाती है और अतिरिक्त वक्त लगता है. जिसकी वजह से उस काम की कीमत भी पहले की तुलना में कई गुना बढ़ जाती है और पहले जो काम कम पैसे में हो सकता था, वह जब तक पूरा होता है तब तक उस काम की लागत काफी बढ़ जाती है और इसके चलते काफी अतिरिक्त पैसा खर्च हो जाता है.


मौका संविधान दिवस का था तो प्रधानमंत्री ने किस तरह से राजनीति और अपने फायदे के लिए लोग संविधान की दुहाई देकर उसमें दिए गए अधिकारों का दुरुपयोग करते हैं इस बात का भी जिक्र किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि लोग संविधान के तहत देश के नागरिकों को मिले अधिकारों का जिक्र अपने फायदे के लिए करते हैं, लेकिन वह यह नहीं देखते कि उसका खमियाजा देश की जनता को उठाना पड़ता है. यह बताने के लिए भी प्रधानमंत्री ने सरदार सरोवर डैम का ही उदाहरण दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग सरदार सरोवर डैम के काम में अड़चन डाल रहे थे, वह फिलहाल अब गायब हैं और चुप हैं. लेकिन अब इस डैम के पूरा हो जाने के बाद ना सिर्फ गुजरात बल्कि राजस्थान को भी काफी मात्रा में पानी मिल जाता है. पीएम ने कहा कि अगर ये बांध काम शुरू होने के कुछ सालों के अंदर बन गया होता तो गुजरात और राजस्थान की जनता को इसका फायदा काफी सालों पहले से ही मिलने लगता.


इस दौरान प्रधानमंत्री ने लोकतंत्र के तीनों स्तंभों यानी न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के बीच आपसी सामंजस्य की बात पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान का पालन करते हुए देश को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि लोकतंत्र के तीनों स्तंभ आपसी सामंजस्य से काम करें, जिससे कि देश को प्रगति के पथ पर आगे ले जाया जा सके.


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