(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मोढ़ेरा सूर्य मंदिर का वीडियो सोशल मीडिया पर किया शेयर, जानिए मंदिर के अविश्वसनीय तथ्य
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से गुजरात के मोढेरा के सूर्य मंदिर का अद्भुत वीडियो शेयर किया है. वीडियो में बारिश के बीच गुजरात के मोढेरा का सूर्य मंदिर काफी आकर्षक लग रहा है. गुजरात के मेहसाना जिले के 'मोढेरा' गांव में मोढेरा सूर्य मंदिर स्थित है.
नई दिल्लीः गुजरात में बीते काफी दिनों से लगातार बारिश हो रही है. जिसके कारण काफी जगहों पर लोगों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही गुजरात के पर्यटन स्थलों पर बारिश के बीच अद्भुत दृश्य देखने को मिल रहे हैं. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से गुजरात के मोढेरा के सूर्य मंदिर का अद्भुत वीडियो शेयर किया गया है. इस वीडियो में बारिश के बीच गुजरात के मोढेरा का सूर्य मंदिर काफी आकर्षक लग रहा है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोढेरा के सूर्य मंदिर का वीडियो शेयर करते हुए लिखा 'मोढ़ेरा का प्रतिष्ठित सूर्य मंदिर बारिश के दिन में शानदार दिख रहा है.' बता दें कि गुजरात के मेहसाना जिले के 'मोढेरा' गांव में मोढेरा सूर्य मंदिर स्थित है. इसे सोलंकी वंश के राजा भीमदेव प्रथम ने सन्1026-1027 ई. में पुष्पावती नदी के किनारे बनाया था. मोढेरा सूर्य मंदिर भारत में अपनी स्थापत्य और शिल्प कला के लिए जाना जाता है.
Modhera’s iconic Sun Temple looks splendid on a rainy day 🌧! Have a look. pic.twitter.com/yYWKRIwlIe
— Narendra Modi (@narendramodi) August 26, 2020
इस सूर्य मंदिर को पुष्पावती नदी के तट पर मेहसाणा जिले के मोढेरा गांव में सूर्य देवता का सम्मान में बनाया गया था. मंदिर परिसर को तीन भागों में बांटा गया है, गुढ़ा मंडप (धर्मस्थल), सभा मंडापा (सभा भवन) और कुंडा (जलाशय). मोढेरा का उल्लेख स्कंद पुराण और ब्रह्म पुराण जैसे प्राचीन शास्त्रों में मिलता है. पुराने ग्रंथों में मोढ़ेरा और इसके आसपास के क्षेत्रों को धर्मारण्य या धार्मिकता के जंगल के रूप में भी संदर्भित किया गया है.
मंदिर को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि हर विषुव के दौरान उगते सूरज की पहली किरण सूर्य देव के सिर पर रखे हीरे पर पड़ती है. मंदिर का सभा मंडप 52 स्तंभों पर खड़ा है, जो एक वर्ष में 52 सप्ताह को दर्शाता है. हवा, पानी, पृथ्वी और अंतरिक्ष के साथ अपनी एकता दिखाने के लिए दीवारों पर सूर्य की नक्काशी की गई है. हालांकि यह एक हिंदू मंदिर है, लेकिन अब यहां कोई पूजा नहीं की जाती है. 2014 में, मोढ़ेरा सूर्य मंदिर ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल किया गया है.
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