नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज विश्व पटल पर भारत और भारत के लोगों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया. उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के 74वें सत्र को संबोधित करते हुए आतंक पर प्रहार किया और शांति-अहिंसा का संदेश दिया.
हारमनी और पीस का संदेश
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का सत्य-अहिंसा का संदेश शांति, विकास एवं प्रगति के लिए आज भी प्रासंगिक है. सवा सौ साल पहले भारत के महान अध्यात्मिक गुरु स्वामी विवेकानंद ने हारमनी और पीस का संदेश दिया था. और विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र का आज भी अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए आज भी यही संदेश है.
आतंक पर प्रहार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आतंक के नाम पर बंटी हुई दुनिया उन सिद्धांतों को ठेस पहुंचाती है जिनके आधार पर यूएन का जन्म हुआ है. और इसलिए मानवता की खातिर आतंक के खिलाफ, पूरे विश्व का एकमत होना और एकजुट होना मैं अनिवार्य समझता हूं.
युद्ध नहीं बुद्ध
मोदी ने कहा कि यूएन पीसकीपिंग मिशन्स में सबसे बड़ा बलिदान अगर किसी देश ने दिया है तो वो भारत है. हम उस देश के वासी हैं जिसने दुनिया को युद्ध नहीं बुद्ध दिए हैं, शांति का संदेश दिया है और इसलिए हमारी आवाज में आतंक के खिलाफ दुनिया को सतर्क करने की गंभीरता भी है और आक्रोश भी.
पर्यावरण पर भी की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूएनजीए में कहा कि अगर इतिहास और पर कैपिटा इमीशन के नजरिए से देखें तो ग्लोबल वार्मिंग में भारत का योगदान बहुत कम ही रहा है लेकिन इसके समाधान के लिए कदम उठाने वालों में भारत एक अग्रणी देश है.
परंपरा पर कही ये बात
उन्होंने कहा कि भारत हजारों वर्ष पुरानी एक महान संस्कृति है जिसकी अपनी जीवंत परंपराएं हैं और जो वैश्विक सपनों को अपने में समेटे हुए है. हमारे संस्कार हमारी संस्कृति, जीव में शिव को देखती है.
बताया अपना प्लान
पीएम मोदी ने कहा कि विश्व ने भले ही टी.बी. से मुक्ति के लिए वर्ष 2030 तक का समय रखा हो, लेकिन हम 2025 तक भारत को टी.बी. मुक्त करने के लिए काम कर रहे हैं. इसके अलावा आने वाले 5 वर्षों में हम जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ ही 15 करोड़ घरों को पानी की सप्लाई से जोड़ने वाले हैं. हमने पूरी दुनिया को प्रेरक संदेश दिया है और हमारे सपने विश्व के सपनों के साथ आगे बढ़ रहे हैं.
जनादेश और लोकतंत्र की बात
मोदी ने कहा कि इस साल दुनिया का सबसे बड़ा चुनाव हुआ. दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र में दुनिया में सबसे ज्यादा लोगों ने वोट देकर मुझे और मेरी सरकार को पहले से ज्यादा मजबूत जनादेश दिया और इस जनादेश की वजह से ही आज फिर मैं यहां हूं.