प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सीबीएसई 12वीं के छात्रों और अभिभावकों के साथ हो रही वर्चुअली बैठक में अचानक गुरुवार को शामिल हुए. उन्होंने इस दौरान छात्रों और उनके पैरेंट्स के साथ बातचीत की. यह बातचीत आज दोपहर बाद हुई है. इस दौरान छात्रों और उनके पैरेंट्स से पीएम मोदी ने परीक्षा के स्थगन और उसके असर पर चर्चा की. प्रधानमंत्री मोदी ने छात्रों से चर्चा के दौरान कहा कि उन्हें परीक्षाओं के बारे में कभी चिंता नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा कि परीक्षा रद्द करने का यह फैसला उनके हितों में लिया गया है.


पीएम ने आगे कहा कि स्वास्थ्य ही धन है और वे शारीरिक तौर पर फिट रहने के लिए जो करना है वो करें. इसके साथ ही, पीएम मोदी ने छात्रों से पूछा कि वे अब आगे का समय अपना कैसे व्यतीत करेंगे? क्या वे आईपीएल देखेंगे, चैंपियन लीग या फिर ओलंपिक का इंतजार करेंगे?


पीएम मोदी और छात्रों के बीच चर्चा


पीएम मोदी ने कहा कि इस स्तर पर छात्रों के दिमाग में करियर को लेकर कई बातें होती है. उन्होंने कहा कि जब छात्रों को यह पता चला कि परीक्षा नहीं होगी तब उन्होंने क्या सोचा? इसके साथ ही पीएम मोदी ने छात्रों से चर्चा के दौरान उनसे पूछा कि अब जबकि परीक्षा रद्द हो गई तब अब आगे का क्या प्लान है? इसके जवाब में छात्रों ने बताया कि जैसे ही परीक्षा रद्द हो गई उनका तनाव खत्म हो गया. उन्होंने कहा कि अब हम पूरा फोकस प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं पर करेंगे और उसकी तैयारियों में जुट जाएंगे.


पीएम मोदी ने अभिभावकों से भी सवाल किया. उन्होंने पूछा कि अब कैसा लगा रहा है. इसके जवाब में एक अभिभावक ने कहा कि सरकार के इस कदम से अच्छा लगा क्योंकि कोरोना के बीच परीक्षा एक बड़ी चिंता थी.


हिमाचल की एक छात्रा ने पीएम मोदी से कहा कि उन्होंने जो कुछ भी लिया बिल्कुल सही फैसला लिया है. उसने कहा कि पिछले एक साल से जिंदगी थम सी गई थी. ऐसे में यह फैसला बेहद प्रशंसनीय है. केन्द्रीय विद्यालय नई दिल्ली की एक छात्रा मीनाक्षी ने कहा कि परीक्षा रद्द होने से कोरोना महामारी के दौरान उसे काफी राहत मिली है. उसने बताया कि अब उसका पूरा फोकस प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं पर रहेगा. एक अभिभावक ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि उनके जीवन में इतना अच्छा शाहरुख खान से मिलकर भी नहीं लगा जितना उनके साथ मिलकर लगा है. 






गौरतलब है कि 12वीं के छात्र और पैरेंट्स के बीच सीबीएसई ने ये बैठक बुलाई थी ताकि 12वीं के परीक्षा परिणाम के फॉर्मूले को लेकर निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके. इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक के बाद 12वीं की परीक्षा कोरोना महामारी की दूसरी लहर के चलते नहीं कराने का फैसला किया. इस बैठक के दौरान विभिन्न राज्य सरकारों और अन्य लोगों की राय के बाद यह फैसला लिया गया. कई राज्यों सरकारों की तरफ से लगातार यह मांग की जा रही थी कि कोरोना के चलते छात्रों की जान को संकट में ना डाला जाए. इसके लिए बजाय फिजिकल तौर पर परीक्षा लेने के कोई वैकल्पिक कदम उठाया जाए.


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बैठक में सीबीएसई के अफसरों से कहा कि 12वीं कक्षा के छात्रों के रिजल्ट को वेल डिफाइंड मानदंडों के अनुसार समयबद्ध तरीके से तैयार किया जाए. उन्होंने कहा कि परिणाम अच्छी तरह से परिभाषित मानदंडों के मुताबिक निष्पक्ष और समयबद्ध तरीके से तैयार किए जाएं.


कई राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ केन्द्रीय मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक की थी. सिर्फ बीजेपी शासित राज्यों ने कहा था कि परीक्षा होना चाहिए. कांग्रेस शासित और अन्य राज्यों ने इसके रद्द करने की मांग की थी. 


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