नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मानव संसाधन विकास मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई), परसिस्टेंट सिस्टम्स और आई 4 सी के 1 अगस्त से 3 अगस्त के बीच आयोजित किये जाने वाले स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 (सॉफ्टवेयर) के ग्रैंड फिनाले के प्रतिभागियों को 1 अगस्त को शाम 7 बजे वीडियो कॉन्फ़्रेंसिंग के जरिये संबोधित करेंगे. इस वर्ष इस हैकाथॉन में 10,000 प्रतिभागी हिस्सा लेंगे. जबकि स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 का उद्घाटन मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ करेंगे.
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 दुनिया की सबसे बड़ी ऑनलाइन हैकाथॉन है, जिसका उद्देश्य सरकारी विभागों और उद्योगों की जटिल समस्याओं का तकनीकी संसाधनों की मदद से नए और प्रभावी समाधान निकालना है.
एचआरडी मंत्रालय के मुताबिक स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन देश के सामने आने वाली चुनौतियों का प्रभावी समाधान निकालने और विघटनकारी डिजिटल प्रौद्योगिकी नवाचारों की पहचान करने के लिए एक अनूठी पहल है. यह एक नॉन-स्टॉप डिजिटल उत्पाद विकास प्रतियोगिता है, जहां नवीन समाधान सुझाने के लिए प्रौद्योगिकी छात्रों को समस्याएं दी जाती हैं.
इस हैकाथॉन के लिए छात्रों के विचारों की पहले स्तर की स्क्रीनिंग एक कॉलेज स्तर के हैकाथॉन के जरिए जनवरी में ही की गई थी. उसके बाद कॉलेज स्तर पर जो टीमें जीती थीं, उनको राष्ट्रीय स्तर पर प्रवेश दिया गया था. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर पर विशेषज्ञों और मूल्यांकनकर्ताओं के विचारों की स्क्रीनिंग की गई और अब जो टीमें शॉर्टलिस्ट की गई हैं, वो ग्रैंड फिनाले में प्रतिस्पर्धा करेंगी.
कोरोना महामारी को देखते हुए इस वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के ग्रैंड फिनाले का आयोजन देशभर के सभी प्रतिभागियों को एक विशेष प्लेटफॉर्म पर ऑनलाइन माध्यम से एक साथ जोड़कर ऑनलाइन किया जायेगा. इस साल, केंद्र सरकार के 37 विभागों, 17 राज्य सरकारों और 20 उद्योगों की 243 समस्याओं को हल करने के लिए 10,000 से अधिक छात्र होंगे.
प्रत्येक समस्या के हल के लिए छात्र को एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि मिलेगी और छात्र नवाचार के क्षेत्र में तीन विजेता होंगे जिसमें प्रथम विजेता को एक लाख, द्वितीय को 75,000 रुपये और तृतीय विजेता को 50,000 रुपये मिलेंगे.
स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन की सफलता को देखते हुए, मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा, “अब तक, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के तीन संस्करण सफलतापूर्वक आयोजित किए जा चुके हैं. 2017 में पहले संस्करणों में 42 हजार छात्रों ने हिस्सा लिया था, जो 2018 में बढ़ कर एक लाख हो गया और 2019 में दो लाख हो गया था. इस वर्ष इसमें अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई है."
उन्होंने बताया, "स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन 2020 के पहले दौर में 4.5 लाख से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया था. हम अपने शिक्षण संस्थानों में नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं. स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन जो कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय की फ्लैगशिप पहल है अब दुनिया के सबसे बड़े ओपन इनोवेशन मॉडल में विकसित हो गई है. इसके अलावा, स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप का सर्वश्रेष्ठ उदहारण है."
अब तक स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन के द्वारा, लगभग 331 प्रोटोटाइप विकसित किए गए हैं, 71 स्टार्टअप बन रहे हैं, 19 स्टार्टअप सफलतापूर्वक पंजीकृत हो चुके हैं. इसके अलावा, विभिन्न विभागों में 39 समाधानों को उपयोग में लाया जा चुका है और लगभग 64 संभावित समाधानों को आगे के विकास के लिए वित्तपोषित किया गया है.
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