Lachit Borphukan Day: लाचित बोड़फुकन की 400वीं जयंती के समापन समारोह को संबोधित करेंगे पीएम मोदी, ये है शेड्यूल
Lachit Borphukan Day : असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है. जनरल लाचित बोड़फुकन की 400 वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को शुक्रवार को पीएम मोदी संबोधित करेंगे.
Lachit Borphukan Day : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य के जनरल लाचित बोड़फुकन की 400 वीं जयंती पर साल भर आयोजित कार्यक्रमों के समापन समारोह को शुक्रवार को संबोधित करेंगे. पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री 25 नवंबर को पूर्वाह्न 11 बजे विज्ञान भवन में आयोजित समापन समारोह को संबोधित करेंगे.
लाचित बोड़फुकन की 400 वीं जयंती वर्ष समारोह का उद्घाटन पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसी साल फरवरी में असम के जोरहाट में किया था. लाचित बोड़फुकन असम के पूर्ववर्ती अहोम साम्राज्य में एक सेनापति थे. सरायघाट के 1671 के युद्ध में उनके नेतृत्व के लिए उन्हें पहचाना जाता है, जिसमें औरंगजेब के नेतृत्व वाली मुगल सेना का असम पर कब्जा करने का प्रयास विफल कर दिया गया था.
मुगलों को ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर हराया था
इस विजय की याद में असम में 24 नवंबर को लचित दिवस मनाया जाता है. सरायघाट का युद्ध गुवाहाटी में ब्रह्मपुत्र नदी के तटों पर लड़ा गया था. पीएमओ ने कहा कि लाचित बोड़फुकन ने 1671 में लड़ी गई सरायघाट की लड़ाई में असमिया सैनिकों को प्रेरित किया, जिसकी वजह से मुगलों को करारी और अपमानजनक हार का सामना करना पड़ा. उसने कहा, ‘‘लाचित बोड़फुकन और उनकी सेना की ओर से लड़ी गई यह लड़ाई हमारे देश के इतिहास में प्रतिरोध की सबसे प्रेरणादायक सैन्य उपलब्धियों में से एक है.’’
पीएमओ ने कहा कि प्रधानमंत्री का निरंतर प्रयास रहा है कि गुमनाम नायकों को उचित तरीके से सम्मानित किया जाए. पीएमओ के मुताबिक इसी के अनुरूप देश 2022 को लाचित बोड़फुकन की 400 वीं जयंती वर्ष के रूप में मना रहा है.
कई बार मुगलों को किया था बाहर
लचित ने मुगलों को कई बार धूल चटाई और हमेशा युद्ध में हराया. लचित ने मुगलों के कब्जे से गुवाहाटी को छुड़ा कर उसपर फिर से अपना कब्जा कर लिया था और मुगलों को गुवाहाटी से बाहर धकेल दिया था