अयोध्या पहुंच कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले करेंगे हनुमान गढ़ी के दर्शन, जानिए रोचक इतिहास
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या पहुंच कर सबसे पहले हनुमान गढ़ी के दर्शन करेंगे. जिसके बाद वह आयोजन स्थल की ओर जाएंगे. हनुमान गढ़ी का संविधान फारसी में लिखा गया है. वहीं हनुमान गढ़ी के महंत को चुनाव के जरिए चुना जाता है.
नई दिल्लीः आज राम जन्म की भूमि अयोध्या में भूमि पूजन का आयोजन किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दिल्ली से रवाना हो गए हैं. प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से लखनऊ पहुंच कर हेलिकॉप्टर के जरिए अयोध्या पहुंचेगें. अयोध्या पहुंच कर सबसे पहले नरेंद्र मोदी अयोध्या के रक्षक हनुमान गढ़ी में जाकर दर्शन करेंगे. जिसके बाद वह आयोजन स्थल की ओर जाएंगे.
बता दें कि नवाब सफगरजंग ने हनुमान गढ़ी को महंत अभय राम दास को दिया था. हनुमान गढ़ी के महंत को चुनाव के जरिए चुना जाता है. हनुमान गढ़ी का संविधान फारसी में लिखा गया है. वहीं देश के ज्यादातर मंदिरों के प्रमुख के वंशजों को ही मंदिर का प्रमुख बनाया जाता है. वहीं हनुमान गढ़ी में अपने संविधान के अनुसार वोटिंग के जरिए महंत को चुना जाता है.
वहीं इसमें वोटर बनने के लिए भी एक लंबी प्रक्रिया का उल्लेख किया गया है. वोटर को शपथ लेनी होती है कि वह किसी भी स्थिति में अपने पद के विपरीत किसी काम को काम नहीं करेंगे. इसके साथ ही वह किसी ऐसे कार्य को भी नहीं करते हैं जिससे पद की गरिमा को ठेस पहुंचे. ऐसा करने की स्थिती में उनके खिलाफ कार्यवाई भी की जाती है. तो इस प्रकार यह देश का अनोखा लोकतांत्रिक मंदिर है.
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लखनऊ से हेलिकॉप्टर के जरिए अयोध्या के साकेत कॉलेज के हेलीपैड पर लैंड करेंगे. जिसके बाद वह सीधे हनुमान गढ़ी पहुचकर दर्शन और पूजन करेंगे. यहां से नरेंद्र मोदी राम जन्म भूमि परिसर की ओर रवाना होंगे.
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