(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
हौसले से हारा कोरोना: दिल्ली स्कूल की प्रिंसिपल ने 35 दिन वेंटिलेटर पर रहकर कोरोना को दी मात
"दिल्ली वाली मीनू" के नाम से मश्हूर एक महिला ने 35 दिन वेंटीलेटर पर रहकर कोरोना को मात दे दी है. प्राइवेट अस्पताल की प्रिंसीपल कुरुक्षेत्र के अस्पताल में भर्ती हुई थीं.
कुरुक्षेत्र के अस्पताल में "दिल्ली वाली मीनू" के नाम से मश्हूर एक महिला ने 35 दिन वेंटीलेटर पर रहकर कोरोना को मात दे दी है. मिली जानकारी के मुताबिक दिल्ली की मीनू कोरोना से संक्रमित हो गई थी जिसके बाद अब वो पूरी तरह स्वस्थ हो गई हैं.
दरअसल, मीनू दिल्ली के एक प्राइवेट स्कूल की प्रिंसीपल हैं. वो अपनी बेटी और पति रोहित चौहान के साथ दिल्ली में ही रहती हैं. उनके पति रोहित ने बताया कि मीनू 1 अप्रैल को अपने माता-पिता के घर कुरुक्षेत्र गई थीं जहां उन्हें अपने शरीर में कोरोना के कुछ लक्षण दिखें जिसके बाद वो 3 अप्रैल को कोरोना से संक्रमित पायी गईं.
मीनू का ऑक्सीजन लेवल 70 प्रतिशत पर आ गया था- रोहित
रोहित ने बताया कि कुछ दिनों बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ होने लगी और उनका ऑक्सीजन लेवल 70 प्रतिशत पर आ गया. रोहित ने बताया कि डॉक्टरों के मुताबिक इंफेक्शन दोनों फेफड़ो में फैल रहा था.
जिसके बाद उन्हें कुरुक्षेत्र के एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया और उनकी हालात बदतर होती रही. डॉक्टरों ने उन्हें ऑक्सीजन स्पॉर्ट पर रखा. हालत प्रतिदिन बिगड़ती दिखी जिसके बाद डॉक्टर्स ने उन्हें 8 अप्रैल को वेंटीलेटर पर शिफ्ट कर दिया.
मैं बहुत घबरा गई थी जब मुझे वेंटीलेटर पर रखा गया- मीनू
मीनू ने इस कोरोना की लड़ाई के बारे में बात करते हुए मीडियाकर्मियों को बताया कि वो दौर उनके लिए बहुत नाजुक भरा था. उन्होंने बताया, "मैं बहुत घबरा गई थी जब डॉक्टर्स ने मुझे वेंटीलेटर पर शिफ्ट किया. मुझे ऐसा लगने लगा था कि मैं कोरोना को मात नहीं दे पाऊंगी और ना शायद दोबारा अपने परिवार को देख पाऊंगी."
मीनू ने आगे कहा कि, "डॉक्टर्स और स्टाफ ने मुझ पर उम्मीद नहीं छोड़ी और लगातार मुझे इस लड़ाई से लड़ने के लिए प्रेरित करते रहे और फिर धीरे-धीरे मेरे स्वास्थ्य में सुधार भी देखने को मिला."
अस्पताल ने मीनू को डिस्चार्ज किया
मीनू का इलाज करने वाले डॉ. अनुराग कौशल ने कहा कि मीनू एक बेहद ही बहादुर शख्स हैं. उनके ज़ज्बे को देख अस्पताल का हर स्टाफ उनकी तारीफ करते रहा और वो धीरे-धीरे दिल्ली वाली मीनू के नाम से अस्पताल में जानने लगी. उन्होंने कहा कि, किसी भी शख्स के जज्बे के साथ लक भी काफी महत्वपूर्ण साबित होता है. बता दें, अस्पताल ने मीनू को डिस्चार्ज कर दिया है और अभी शहर में ही रहने की सलाह दी है.
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