नई दिल्लीः देश की नरेंद्र मोदी सरकार ने साल 2016 में बड़ा फैसला लेते हुए देशभर में नोटबंदी का एलान किया था. उस समय कालेधन को बढ़ावा देने से रोकने के लिए सरकार ने 500 रुपए और एक हजार रुपए के नोट के प्रचलन को बंद कर दिया था. जिसके 500 रुपए और दो हजार के नए नोट प्रचलन में आए थे. अब सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है कि बीते दो साल से दो हजार के नए नोटों की छपाई रुकी हुई है.


दो साल से नहीं हुई 2000 के नोट की छपाई
लोकसभा में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने बताया है कि बीते दो सालों में दो हजार रुपए के नोटों की छपाई पर रोक लगी हुई है. उनका कहना है कि नोटों की छपाई से पहले आरबीआई और सरकार आपस में बातचीत कर इस पर फैसला लेते हैं. वहीं 2019-20 और 2020-21 में दो हजार के एक भी नोट की छपाई के लिए कोई भी ऑर्डर नहीं आया है.


प्रचलन में कम हुए 2000 के नोट
फिलहाल सरकार की ओर से बताया जा रहा है कि नोटों की जमाखोरी को रोकने के लिए दो हजार के नोटों की छपाई पर रोक लगाई गई है. अनुराग ठाकुर ने जानकारी दी है कि 30 मार्च 2018 को 2000 रुपए के तकरीबन 336.2 करोड़ नोट प्रचलन में थे. जबकी 26 फरवरी 2021 को 2000 रुपए के नोटों की संख्या मात्र 249.9 करोड़ रह गई है.


साल दर साल कम हुई छपाई
बता दें कि साल 2016 में प्रचलन में आने के बाद से ही दो हजार रुपए के नोटों की छपाई में लगातार कमी देखी गई है. आरबीआई के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 के लिए तकरीबन 354 करोड़ दो हजार के नोट छापे गए थे. जिसके बाद वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 11.15 करोड़ दो हजार रुपए के नोट ही छापे गए. वहीं 2018-19 में तकरीबन 4.669 करोड़ दो हजार रुपए के नोटों की छपाई हुई. जिसके बाद अप्रैल 2019 से लेकर अभी तक दो हजार के नोटों की छपाई नहीं हुई है.


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