मुंबई: केंद्रीय मंत्रिमंडल में महाराष्ट्र के बीड से सांसद प्रीतम मुंडे को मंत्री न बनाए जाने से नाराज़ उनके समर्थक बड़ी संख्या में प्रीतम और उनकी बहन पंकजा मुंडे से मिलने मुंबई पहुंचे हैं. मंत्री न बनाए जाने से नाराज़ मुंडे परिवार के क़रीबी 70 कार्यकर्ता पार्टी में अलग-अलग पदों से इस्तीफ़ा दे चुके हैं.


इस दौरान पंकजा मुंडे के वर्ली दफ़्तर में कोविड प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. पंकजा और प्रीतम मुंडे पूर्व केंद्रीय मंत्री और महाराष्ट्र के पूर्व डिप्टी सीएम गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं. पंकजा मुंडे महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार में मंत्री रह चुकी हैं लेकिन पिछला विधानसभा चुनाव वो अपने चचेरे भाई धनंजय मुंडे से हार गई थीं. 


पंकजा की बहन प्रीतम मुंडे महाराष्ट्र के बीड से सांसद हैं. मोदी कैबिनेट के विस्तार में प्रीतम मुंडे की जगह उनके परिवार के क़रीबी रहे डॉक्टर भगवत कराड को मंत्री बनाया गया था.


पंकजा मुंडे ने नाराज समर्थकों से मुलाकात की और उन्हें समझाया. पंकजा मुंडे ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा उनके नेता हैं. उन्होंने कभी भी पद की लालसा के लिए पार्टी में काम नहीं किया. उन्होंने यह भी कहा कि ना ही कभी मेरे पिता ने पद के लिए पार्टी में काम किया. 


उन्होंने कार्यकर्ताओं को बतायया कि जब उनके पिता गोपीनाथ मुंडे की मौत हुई उस वक्त भी महाराष्ट्र सरकार ने उन्हें केंद्र में मंत्री बनाने का प्रस्ताव भेजा था. लेकिन वो उस वक्त मंत्री नहीं बनं तो अभी उनकी बहन के मंत्री बनने का सवाल ही पैदा नहीं होता. पार्टी जो भी जिम्मेदारी उसे निभाना है. इसके साथ ही उन्होंने सभी कार्यकर्ताओं के इस्तीफे नामंजूर कर दिए. 


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