नई दिल्ली: प्राइवेट ट्रेनों को चलाने के लिए रेलवे ने प्राइवेट पार्टनर खोजने की प्रक्रिया तेज कर दी है. रेलवे को उम्मीद है कि नए साल के शुरू होने से पहले प्राइवेट पार्टनरों के साथ कांट्रैक्ट साईन करने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. कांट्रैक्ट के लिए बिड शुरू करने से पहले रेलवे ने 8 अलग-अलग चरण निर्धारित किए हैं. देश में निजी ट्रेनों का परिचालन अप्रैल 2023 तक शुरू होने की उम्मीद है. रेलगाड़ी के सभी डिब्बों की खरीद ‘मेक इन इंडिया’ नीति के तहत की जाएगी. निजी क्षेत्र की रेलगाड़ियों के यात्रा किराये की प्रतिस्पर्धा उन्हीं मार्गों पर चलने वाली बस सेवा और हवाई सेवा से होगी.’


8 चरणों की होगी पारदर्शी बिडिंग प्रक्रिया


कांट्रैक्ट के लिए बिड रेलवे द्वारा निर्धारित 8 अलग-अलग चरण में होगी. इसमें पहले चरण में बिडर फ़र्मों की ओर से जानकारी मांगे जाने का समय निर्धारित किया गया. इसके बाद दूसरे चरण में रेलवे बोर्ड की ओर से मंगलवार को बिडर फ़र्मों के प्रतिनिधियों के साथ प्री एप्लिकेशन कॉनफ़्रेंस का आयोजन किया गया. इस कॉनफ़्रेंस में कुल 16 बिडर फ़र्मों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. हालांकि रेलवे ने अब कुल 12 रिक्वेस्ट फ़ॉर क्वालिफ़िकेशन मंगाई हैं.


कांट्रैक्ट से पहले के दो सबसे महत्वपूर्ण चरण


प्राइवेट बिडर फ़र्मों को रिक्वेस्ट फ़ॉर क्वालिफ़िकेशन (RFQ) और रिक्वेस्ट फ़ॉर प्रपोज़ल नाम के दो प्रतियोगी चरणों से गुज़रना होगा. इसके बाद ही इनमें से कुछ को रेलवे अपनी इस योजना के लिए पार्टनर के रूप में चुनेगी. इन बिडर फ़र्मों ने एलिजबिलिटी क्राइटेरिया, बिड प्रोसेस, नई ट्रेन रेकों के लाने सम्बंधी नियम, ट्रेनों के संचालन और रूट क्लस्टरों के सम्बंध में रेलवे से ज़रूरी सवालों और आशंकाओं के जवाब लिए. रेलवे ने बिडर फ़र्मों को आश्वस्त किया कि वो उन्हें प्रत्येक रूट पर यात्रियों के लोड और प्राइवेट पार्टनर से लिए जाने वाले हालेज चार्जेज़ की पूरी जानकारी जल्द ही उपलब्ध करा देगा.


मुख्य तारीख़ें और अगले चरण


रेल मंत्री और रेलवे बोर्ड के साथ ही नीति आयोग के प्रतिनिधियों के साथ प्राइवेट पार्टनरशिप के लिए इन बिडर फ़र्मों के साथ 12 अगस्त को दूसरी प्री एप्लिकेशन कॉनफ़्रेंस होगी. और 5 नवम्बर तक बिडर फ़र्मों के एप्लिकेशन को शॉर्ट लिस्ट करके रेलवे चुनिंदा बिडर फ़र्मों के नामों की घोषणा करेगा. इसके बाद 10 चरणों वाली मुख्य बिडिंग स्टेज की शुरुआत होगी.


रेलवे को देनें होंगे कई सवालों के जवाब


मंगलवार को हुई कॉनफ़्रेंस में प्राइवेट ट्रेनों को चलाने सम्बंधी तकनीकी पहलुओं पर बात चीत हुई. जैसे किस रूट पर कितना लोड होगा. ख़र्चों की तफ़सील क्या हैं. पटरियों की स्थिति क्या है और कैसे अपग्रेड होगीं इत्यादि अनेक बातों पर चर्चा की गई. बिडर फ़र्मों में शामिल आर के एसोशिएट्स के प्रवक्ता ने बताया कि बिडर फ़र्में पहले रेलवे की ज़रूरतों का अध्ययन करेंगी और उसके हिसाब से अपने ख़र्चों का आँकलन करेंगे. इसके बाद उठने वाली हर शंकाओं का समाधान रेलवे को बिड की मुख्य प्रक्रिया से पहले ही करना होगा. 12 अगस्त को बिडर फ़र्में अपने-अपने आँकलन, सवाल और शंकाएँ एक बार फिर रेलवे के सामने रखेंगी.


प्राइवेट ट्रेनों में होगा आपस में कम्पटीशन


इस योजना में कई प्राइवेट ट्रेन ऑपरेटर होंगे जिससे बेहतर सर्विस देने को लेकर एक स्वस्थ प्रतियोगिता बनी रहेगी. इससे डिमांड और सप्लाई में होने वाली कमियों को भी दूर किया जा सकेगा.


बढ़ेंगे रोज़गार, नई टेक्नोलोजी देगी यात्रा का नया अनुभव


रेलवे का दावा है कि इस योजना से भारतीय रेल नेटवर्क में नई टेक्नोलॉजी आएगी, अधिक आमदनी होगी और रेलवे से अधिक रोज़गार मिलेगा. भारतीय रेल नेटवर्क में पहली बार पैसेंजर ट्रेनों में प्राइवेट इन्वेस्टमेंट किया जा रहा है. रेलवे को उम्मीद है कि इससे रेल नेटवर्क में क़रीब 30,000 करोड़ रूपए का प्राइवेट इन्वेस्टमेंट आएगा. प्राइवेट इन्वेस्टमेंट से आधुनिक टेक्नोलोजी वाली नई ट्रेनें आएँगी जिससे यात्रियों को पहले से कहीं अधिक आरामदायक सफ़र मिल सकेगा. ये प्राइवेट ट्रेने यात्रा के अनुभव को सुखद रूप से बदल देंगी.


ख़रीदी हुई या लीज़ पर ली हुई भी हो सकती हैं प्राइवेट ट्रेनें


रेल मंत्री पीयूष गोयल ने ये साफ़ किया है कि नई प्राइवेट ट्रेनों को प्राइवेट पार्टनर चाहें तो पूरी तरह ख़रीद कर चला सकते हैं या वो निर्धारित स्तर की नई ट्रेन रेक को लीज़ पर ले कर भी चला सकते हैं.

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